नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी सियासी दल राज्य में विजय का झंडा का लहराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस पार्टी भी मतदाताओं को लुभाने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है। एक तरफ प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि वो यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देंगी। यानी 403 सीटों में से 161 सीटें देने की बात वो कह रही हैं, लेकिन आज जब महिलाओं के लिए घोषणापत्र जारी करने का मौका आया, तो प्रियंका गांधी के इस दावे या कहें वादे पर सवाल खड़े हो गए। दरअसल, प्रियंका गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुल 70 कुर्सियां लगाई गई थीं। इनमें से महज 9 कुर्सियों को महिला पत्रकारों के लिए आरक्षित किया गया था। होना तो ये चाहिए था कि यहां भी 40 फीसदी कुर्सियां महिलाओं के लिए आरक्षित की जातीं, लेकिन उससे कहीं कम कुर्सियां महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं। अगर 70 कुर्सियों की संख्या देखी जाए, तो इसका 40 फीसदी 28 कुर्सियां होती हैं। जबकि, लगाई गईं कुल 9 कुर्सियां, जो करीब 13 फीसदी होती हैं। यानी आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही प्रियंका अपने वादे को तोड़ती नजर आईं।
प्रियंका ने ये वादा भी किया है कि सरकार बनने पर नौकरियों में महिलाओं को भी 40 फीसदी रिजर्वेशन देंगी। ये वादा भी कितना धरती पर उतरता है ये कांग्रेस की सरकार बनने पर ही पता चलेगा। महिला आरक्षण बिल की ही बात कर लें, तो कांग्रेस 2004 से 2014 तक 10 साल सरकार में रही, लेकिन वो महिला आरक्षण बिल संसद में लाकर भी पास नहीं करा सकी। तब उसके सहयोगी सपा और आरजेडी ने इस बिल का विरोध किया। नतीजा ये है कि महिलाओं को स्थानीय निकायों, विधानसभाओं और संसद में 33 फीसदी आरक्षण अब तक नहीं मिल सका है। बिल पास न होने पर कांग्रेस की ओर से अपने तब के बिल विरोधी समर्थक दलों के बारे में कुछ कहा भी नहीं गया था।
बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मीडिया को संबोधित करते हुए प्रदेश की 40 प्रतिशत महिलाओं को चुनाव में उतारने का ऐलान किया था। लेकिन आज की इन तस्वीरों ने प्रियंका गांधी के इस वादे की पोल खोल दी है और इससे जाहिर होता है कि प्रियंका गांधी का जनता को रिझाने के लिए ये सिर्फ चुनावी स्टंट है।