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Congress: अपनी हालत सुधारने के लिए उदयपुर में अहम बातें तय की, लेकिन ढाक के तीन पात पर कांग्रेस!

कांग्रेस की हालत अब भी ठीक नहीं है। कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। अगले साल लोकसभा चुनाव भी होंगे। नतीजे में कांग्रेस को विपक्षी दलों के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन बनाना पड़ रहा है। पार्टी की ये हालत इस वजह से है, क्योंकि अहम फैसले कांग्रेस लागू नहीं कर पा रही है।

नई दिल्ली। लगातार 2 लोकसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी और लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस की दुर्गति हुई। यूपी, मणिपुर में वो बीजेपी से हारी। पंजाब भी वो हार गई। सिर्फ ताजा चुनाव में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस को जीत मिली है। कांग्रेस की हालत अब भी ठीक नहीं है। कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। अगले साल लोकसभा चुनाव भी होंगे। नतीजे में कांग्रेस को विपक्षी दलों के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन बनाना पड़ रहा है। पार्टी की ये हालत इस वजह से है, क्योंकि अहम फैसले लेकर भी कांग्रेस उसे लागू नहीं कर पा रही है। यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अपने वादे को निभाने में विफल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में वादा किया था कि चुने गए, तो कांग्रेस का उदयपुर प्रस्ताव लागू करेंगे। कुल मिलाकर फिलहाल कांग्रेस की हालत वही ढाक के तीन पात वाली दिख रही है।

Congress Chintan Shivir In Udaipur

उदयपुर में मई 2022 में कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ था। इसमें कांग्रेस के हित में कई फैसले लिए गए थे, लेकिन 13 महीने बीत जाने के बाद भी इन फैसलों को मल्लिकार्जुन खरगे जमीन पर उतार नहीं पाए हैं। जबकि, कांग्रेस चिंतन शिविर के प्रस्तावों को एक साल से कम समय में लागू करने की बात थी। पहले आपको बताते हैं कि कांग्रेस ने पार्टी की भलाई के लिए उदयपुर चिंतन शिविर में क्या प्रस्ताव पास किए थे। उदयपुर चिंतन शिविर में प्रस्ताव पास किया गया था कि एक नेता के पास एक ही पद रहेगा। खरगे के पास 2 पद हैं। वहीं, अन्य कई नेताओं मसलन अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में नेता विपक्ष के साथ पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद का जिम्मा भी संभाले हुए हैं। इसके अलावा एक परिवार से एक ही व्यक्ति को चुनाव के लिए टिकट देने की बात थी। इस नियम को अभी कर्नाटक में खुद खरगे ने तोड़ दिया। उनके बेटे प्रियांक खरगे कांग्रेस के टिकट पर जीते भी और मंत्री भी बनाए गए। रामालिंगा रेड्डी और उनकी बेटी सौम्या और केएच मुनियप्पा और उनकी बेटी रूपकला को भी टिकट दिया।

mallikarjun kharge and rahul gandhi

कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में अहम फैसला ये भी किया था कि सभी राज्यों में संगठन के चुनाव कराकर खाली पद भरने और राजनीतिक विशेषज्ञों की कमेटी बनाई जाएगी। इस पर भी अभी काम नहीं हो सका है। कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में ये फैसला भी किया था कि पार्टी के हित में अहम फैसले लेने के मामले में 50 साल से कम उम्र के नेताओं को मौका दिया जाएगा। ये फैसला भी ठंडे बस्ते में कांग्रेस ने डाल दिया है। पार्टी आलाकमान के नाम पर मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी हैं। दोनों ही उम्रदराज हैं। कई और पदों पर भी बड़ी उम्र के नेता अब तक काबिज हैं। मसलन प्रमोद तिवारी को राज्यसभा में उप नेता बनाया गया है। जबकि, शिमला शिविर के बाद सोनिया गांधी ने तमाम युवाओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी थीं। राजस्थान जैसे अहम चुनावी मौसम वाले राज्य में कांग्रेस अब तक सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच पूरी तरह सौहार्द कायम करने में भी नाकाम दिख रही है। जबकि, दोनों को ही राहुल गांधी ने बुलाकर बैठक की थी। राजस्थान में ये अटकलें आए दिन लगती हैं कि सचिन पायलट कांग्रेस को छोड़कर नई पार्टी बनाएंगे।