लखनऊ। जम्मू-कश्मीर में स्थानीय चुनाव के मद्देनजर हुए गुपकार गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने की खबर से उसकी काफी किरकिरी हो रही है। इस समझौते को लेकर लोग कांग्रेस पर हमलावर हो रहे हैं। वहीं विरोधी दलों की तरफ से भी कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बता दें कि गुपकार समझौते की वजह से कांग्रेस की करनी और कथनी उजागर हो गई है। इसकी वजह से लोगों में गहरा आक्रोश है। लोग कांग्रेस की नीति और नीयत पर सवाल उठा रहे हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस देश विरोधी बयान देने वाले दलों का साथ देकर राष्ट्रीय अखंडता को तोड़ने वाले देश विरोधी ताकतों का मनोबल बढ़ा रही है। गुपकार समझौते पर अंतरराष्ट्रीय संस्था पनून कश्मीर के प्रवक्ता और विस्थापित कश्मीरी पंडित दीपक काचरू कहते हैं कि कश्मीर से आर्टिकल 370 हटना बहुत अच्छा रहा। हम गुपकार समझौते के विरोध में हैं। यह देश विरोधी है। ऐसा करने वाले देश विरोधी हैं। वह खुलेआम यह कहते भी हैं।
कश्मीरी पंडित दीपक काचरू का कहना है कि, ये लोग हिंदुस्तान के खिलाफ बोलते हैं। इनका साथ देकर कांग्रेस आत्महत्या करना चाहती है। आखिर जिस फैसले के साथ पूरा देश खड़ा हो, हिंदू छोड़िए, मुसलमान भी सरकार के साथ खड़े हैं, उसमें कांग्रेस खिलाफ कैसे हो सकती है। कश्मीर को स्वर्ग से नर्क बना दिया 370 और 35 ए ने। उनका कहना है कि उनकी संस्था की ओर से इसे लेकर राज्यपाल को एक ज्ञापन भी जल्द दिया जाएगा।
इस बारे में मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास कहते हैं कि देश की सुरक्षा और हिंदुस्तान की सलामती के लिए जो भी भारत सरकार निर्णय ले, उसका स्वागत करना चाहिए। भारत का अटूट अंग है कश्मीर। धाराएं आती जाती रहतीं हैं, लेकिन मुल्क नहीं टूटना चाहिए। वह कहते हैं कांग्रेस अपनी रोल की वजह से कहां पहुंच गई है। कांग्रेस का किरदार अच्छा नहीं रहा। उसे खुलकर अपना बयान देना चाहिए। कांग्रेस अंग्रेजों की पॉलिसी पर चलती है। वह पीछे से कुछ कहती है और सामने से कुछ और कहती है। यही कारण है कि कांग्रेस क्रमशः रसातल में जा रही है।
कश्मीर में केंद्र सरकार की ओर से आर्टिकल 370 ए हटाए जाने के बाद से ही विरोधी दल देश विरोधी बयानबाजी कर रहे हैं। पीडीपी की मुखिया और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में बयान दिया था कि ‘उनका झंडा जम्मू-कश्मीर का झंडा है और वो तिरंगा तभी उठाएंगी, जब उनको ये झंडा वापस मिलेगा।’ महबूबा मुफ्ती के इस बयान पर सियासी बवंडर खड़ा हो गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
इतना ही नहीं जम्मू समेत देशभर में उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। ऐसे ही कुछ दिनों पूर्व जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुला ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 वापस लागू करने को लेकर कहा था कि ‘उन्हें उम्मीद है कि चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 को लागू किया जाएगा। इससे पहले भी फारूक अब्दुल्ला कहते रहे हैं कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को दोबारा लागू करवाने और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए वो प्रतिबद्ध हैं।’
इन बयानों को देने वालों के नए गठबंधन ‘गुपकार’ में कांग्रेस का शामिल होना कई सवाल खड़े करता है। दरअसल जम्मू कश्मीर में जल्द पंचायत चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर विरोधी दलों ने पीपुल्स अलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) का गठन किया है। इसमें कांग्रेस भी शामिल है। इसका मतलब कांग्रेस का इन दलों को समर्थन है, जो देश के झंडे को उठाने में अपमान समझते हैं और जो चीन से सहयोग लेने की बात कर रहे हैं। इसे लेकर ही लोग कांग्रेस पर हमलावर हैं।