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Puducherry Political Crisis: पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरने का इल्जाम भाजपा पर लगाना राहुल गांधी को पड़ा भारी, लोगों ने याद दिला दी पुरानी करतूतें

Puducherry Political Crisis: केरल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वो एक के बाद एक चुनी हुई सरकारों को गिराते हैं। आज़ाद भारत में पहली बार चुनाव जीतने का मतलब चुनाव हारना है और चुनाव हारने का मतलब चुनाव जीतना है। लेकिन वो सच का सामना करने से बच नहीं सकते हैं।

नई दिल्ली। सोमवार को कांग्रेस (Congress) को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई। स्पीकर ने ऐलान किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। जिसके बाद कांग्रेस के हाथों से एक और राज्य छीन गया। वहीं विधानसभा में बहुमत खोने के बाद मुख्यमंत्री वी नारायणसामी (CM V Narayanasamy) ने उपराज्यपाल तमिलसाईं सुंदरराजन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसी बीच पुडुचेरी में नारायणसामी की सरकार गिरने पर कांग्रेस सांसद अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बयान सामने आया है। पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरने पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला।

Rahul Gandhi

केरल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वो एक के बाद एक चुनी हुई सरकारों को गिराते हैं। आज़ाद भारत में पहली बार चुनाव जीतने का मतलब चुनाव हारना है और चुनाव हारने का मतलब चुनाव जीतना है। लेकिन वो सच का सामना करने से बच नहीं सकते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि पहली बार दिल्ली में एक सरकार(केंद्र सरकार) है जो अपनी इच्छा और ताकत न्यायपालिका पर थोप रही है। सरकार न्यायपालिका को वो नहीं करने दे रही है जो उसे करना चाहिए। और ऐसा सिर्फ न्यायपालिका के साथ ही नहीं है, वो हमें लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा नहीं करने देते।

वहीं पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरने पर राहुल गांधी ने भाजपा को घेरने के चक्कर में खुद फस गए। उल्टा यूजर्स ने राहुल गांधी को निशाने पर ले लिया। एक यूजर ने लिखा, राहुल जी,सब आपके दादी के हत्थकंडे अपनाया करते है। काश आप अपने दादी के समय होते। वैसे गुजरात सरकार गिराने में आपनें कोई कमी क्यों छोड़ दी थी।

गौरतलब है कि विधानसभा में कांग्रेस के पास उसके 9 विधायकों के अलावा 3 डीएमके और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन था। कांग्रेस के पास 12 विधायकों का समर्थन था, जबकि विधानसभा की वर्तमान स्थिति के मुताबिक उसे बहुमत के लिए 14 विधायकों का समर्थन होना चाहिए था।