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राहुल का मोदी सरकार पर वार, कहा- लॉकडाउन ने गैर-घातक कोविड-19 को जानलेवा बना दिया

इससे पहले राहुल गांधी ने 27 मई को कोरोना संकट पर दो इंटरनेशनल हेल्थ एक्सपर्ट से चर्चा की थी। ये एक्सपर्ट हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशीष झा और स्वीडन के कैरोलिंसका इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर जोहान गिसेक थे।

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी देश में लगे लॉकडाउन की समीक्षा के लिए पिछले कई महीनों से देश के जाने मानें विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को राहुल गांधी ने उद्योगपति राजीव बजाज के साथ लॉकडाउन और कोरोना के मुद्दे पर बातचीत की।

Rahul Gandhi

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों और गरीबों लिए लॉकडाउन बहुत ही भयावह रहा। इस दौरान राजीव बजाज ने कहा कि दुनिया के कई देशों में मेरे रिश्तेदार और दोस्त हैं और वहां भी लॉकडाउन हुआ लेकिन ऐसा कहीं नहीं था। वह बाहर घूमने जा सकते थे। सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं के संदर्भ में वे लोग बेहतर परिस्थिति में थे।

राजीव बजाज ने कहा कि टीबी निमोनिया 1 लाख से ज्यादा बच्चों की मौत भारत में हो जाती है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब इसने लोगों के विकसित दुनिया के दिलों को चोट पहुंचाई। यह अमीर और प्रसिद्ध लोग इससे प्रभावित होते हैं तो यह हेडलाइन बनती है।

Rajiv Bajaj

राहुल गांधी ने पूछा कि किसी ने नहीं सोचा था कि पूरी दुनिया में लॉकडाउन हो जाएगा, ऐसा विश्व युद्ध के समय पर भी नहीं हुआ था जिसके जवाब में राजीव बजाज ने कहा कि भारत में एक तरह का ड्रैकियन लॉकडाउन है। ऐसा कहीं पर भी नहीं हुआ। हमारे यहां की तुलना में कई देशों में बाहर निकलने की अनुमति थी।

राजीव बजाज ने कहा कि लोगों में इतना बड़ा भय पैदा कर दिया है कि लोगों को लगता है कि यह बीमारी संक्रामक कैंसर या कुछ उसके जैसी है। और अब लोगों के दिमाग को बदलने और जीवन पटरी पर लाने और उन्हें वायरस के साथ सहज बनाने की नई नसीहत सरकार की तरफ से आने वाली है।

इससे पहले राहुल गांधी ने 27 मई को कोरोना संकट पर दो इंटरनेशनल हेल्थ एक्सपर्ट से चर्चा की थी। ये एक्सपर्ट हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशीष झा और स्वीडन के कैरोलिंसका इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर जोहान गिसेक थे।