नई दिल्ली। कोरोनावायरस की दूसरी लहर का कोहराम थोड़ा थम रहा है इस सबे के बीच केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना वैक्सीनेशन को रफ्तार देने के उद्देश्य से पूरे देशभर में मुफ्त वैक्सीन ड्राइव चलाया जा रहा है। इसके तहत देश के सभी नागरिकों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना का टीका मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है। इस वैक्सीनेशन ड्राइव के पहले दिन भारत ने कोरोना टीकाकरण के मामले में एक दिन में सबसे ज्यादा टीका दिए जाने का रिकॉर्ड बना दिया। इसके बाद से लगातार इस पर काम जारी है। सरकार का लक्ष्य है कि दिसबंर तक देश के सभी नागरिकों को कोरोना का टीका दिया जा सके। केंद्र सरकार इसको लेकर सजग है। वहीं देश में कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका भी जताई जा रही है। जिसको लेकर भी तैयारियां जोरों पर है। लेकिन इस सब के बीच इस मामले को लेकर राजनीति भी चरम पर है। कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले पर सरकार को घेरने में लगी है और उसने कल एक श्वेत पत्र भी जारी करते हुए सरकार को कई सुझाव दे दिए हैं।
लेकिन यह भी मानना होगा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पूरे देश में एक भ्रम की स्थिति पैदा कर दी। जिसका नतीजा यह रहा कि वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई। ऊपर से कांग्रेस और कांग्रेस के सहयोगी विपक्षी दलों के शासित प्रदेश में कोरोना टीके की उपलब्धता को लेकर भी जमकर राजनीति की गई। अब ऐसे में कांग्रेस यह बताने में अक्षंम है कि जब केंद्र सरकार अब पूरी तरीके से कोरोना के टीके का भार अपने ऊपर ले रही है तो उनके और उनके सहयोगी दलों के द्वारा शासित राज्यों में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार धीमी क्यों हैं।
.@RahulGandhi& @INCIndia need to explain,why are #Congress ruled States lagging in #VaccinationDrive?
Congress has peddled Vaccine hesitancy in the past,with baseless charges against #Covaxin@BJP4India governed States are doing a tremendous job in terms of #LargestVaccineDrive pic.twitter.com/avzQ3Uiax2
— Sanju Verma (@Sanju_Verma_) June 23, 2021
इस ट्वीट में लगाए गए पिक्चर के आंकडे इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कोरोना टीकाकरण की रफ्तार उन्हीं राज्यों में धीमी है जहां कांग्रेस या विपक्षी दलों की सरकार है। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों को देखेंगे तो पता चलेगा कि इन राज्यों में पर्याप्त मात्रा में कोरोना के वैक्सीन मौजूद हैं। वहीं हाल ही में जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट को अगर आपने गौर से पढ़ा होगा तो आपको पता चला होगा कि जो गैर भाजपा शासित राज्य थे वहां कोरोना टीके की बर्बादी बड़े पैमाने पर हुई। झारखंड और राजस्थान में तो एक तिहाई से भी ज्यादा का आंकड़ा बर्बादी का था।
राजस्थान में तो कोरोना के टीके को जलाने, कूड़े में फेंकने और जमीन के अंदर गाड़ने तक की खबरें सामने आई। योग दिवस 21 जून से शुरू हुए मुफ्त वैक्सीन ड्राइव के बाद दो दिन में 1.40 करोड़ टीकाकरण किया गया है लेकिन जब आप पूरे आंकड़े पर नजर डालेंगे तो आपको पता चलेगा कि गैर भाजपा शासित प्रदेशों में भाजपा शासित प्रदेशों से काफी कम मात्रा में टीकाकरण किया जा रहा है।