
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में राहुल गांधी दिल्ली के गिरी नगर की सब्जी मंडी में लहसुन, प्याज, टमाटर आदि सब्जियों के भाव दुकानदारों से पूछते नजर आ रहे हैं। राहुल के साथ कुछ स्थानीय महिलाएं भी हैं। राहुल ने एक सब्जी वाले से लहसुन का दाम पूछा तो उसने बताया 400 रुपए किलो तभी राहुल के बगल में खड़ी एक महिला कहती है सोना सस्ता होगा पर लहसुन महंगा। वहीं एक अन्य महिला कह रही है कि शलजम 30 से 40 रुपए किलो मिल जाता है आज दुकानदार 60 रुपए में बता रहे हैं।
“लहसुन कभी ₹40 था, आज ₹400!”
बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा आम आदमी की रसोई का बजट – कुंभकरण की नींद सो रही सरकार! pic.twitter.com/U9RX7HEc8A
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2024
राहुल सब्जी मंडी में मौजूद महिलाओं से सब्जियों की बढ़ती कीमतों पर भी बात करते हैं। दरअसल राहुल गांधी ने इस वीडियो के माध्यम के माध्यम से बढ़ती महंगाई पर सरकार को घेरने का प्रयास किया है। राहुल ने अपनी पोस्ट में लिखा, बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा आम आदमी की रसोई का बजट-कुंभकरण की नींद सो रही सरकार। सब्जी मंडी के बाद राहुल स्थानीय महिलाओं के घर भी गए और वहां जाकर चाय पी। उधर सोशल मीडिया पर लोगों ने राहुल गांधी पर उल्टा कमेंट करना शुरू कर दिया है।
वाह, कमाल है! जब किसान फसल के दाम के लिए रोता है, तब तुम्हें चिंता होती है, और जब उसे उसकी मेहनत का सही दाम मिलता है, तब भी तुम छाती कूटते हो। ये दोहरे मापदंड क्यों? किसान मेहनत करता है, तो उसका हक भी बनता है। लहसुन के साथ जनता जो ‘भाई’ देती है, वो तुम्हारे बयान पर पूरी तरह फिट…
— Ashish Dubey (@ashishd30) December 24, 2024
आशीष दुबे नाम के एक यूजर ने राहुल गांधी के वीडियो पर कमेंट में लिखा, वाह, कमाल है! जब किसान फसल के दाम के लिए रोता है, तब तुम्हें चिंता होती है, और जब उसे उसकी मेहनत का सही दाम मिलता है, तब भी तुम छाती कूटते हो। ये दोहरे मापदंड क्यों? किसान मेहनत करता है, तो उसका हक भी बनता है। थोड़ा सोचो, इतना दोगलापन क्यों? वहीं निर्मल कुमार झा नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा, जब भी किसान का कोई चीज महंगा होता है,तो आपके पेट में मरोड़ क्यों आने लगता है? एस. देशमुख नाम के यूजर ने राहुल को घेरते हुए लिखा, 2004 में लहसुन 10 रुपये था, 2014 आते-आते 100 पार हो गया था ऐसा क्यों? क्या कारण था जो दस सालों में इतना महंगा हो गया?