
नई दिल्ली। दिल्ली में 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा निकाले जा रहे ट्रैक्टर परेड को ढाल बनाकर उपद्रवियों ने दिल्ली के अंदर घुसकर भारी उत्पात मचाया। हालत ये हुई कि भारी संख्या में उपद्रवियों ने लाल किले पर चढ़कर अपना झंडा लगा दिया। हालांकि थोड़ी देर बाद पुलिस ने मौके को अपने कंट्रोल में ले लिया और उस झंडे को हटा दिया। वहीं इस उपद्रव को देखते हुए राहल गांधी ने अपने ट्विटर पर लिखा कि, “हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!” हालांकि राहुल की इस अपील पर उन्हें ही ट्विटर पर खरी-खोटी सुनने को मिली। कई यूजर ने इस उपद्रव को लेकर उन्हीं पर निशाना साधा। वहीं एक यूजर ने राहुल गांधी पर ही आरोप लगा दिया कि दिल्ली में जो कुछ भी हो रहा है वो सब राहुल का ही षड़यंत्र है।
बता दें कि राहुल के ट्वीट पर जवाब दिया कि, “राहुल गांधी यह तुम्हारा षडयंत्र है मै पहले से ही बोल रहा हूं यह कोई किसान नही यह आतंकी देशद्रोही और गद्दार है। जिसके संरक्षण तुम हो।”
देखिए राहुल के इस ट्वीट पर लोगों ने किस तरह से जवाब दिए…
देश के कानून को नहीं मानने वाले देशद्रोही कहते हैं ।।
मोदी जी पूरा देश आपके साथ खड़ा है?देश के गद्दार आपकी नम्रता का फायदा उठा रहे है
अगर ये दिल्ली में उपद्रव करें तो
उठा लो लट्ठ और पेलो सब साले देशद्रोहियों को।।?? उधर उखाड़ फेंको इनके टेंट pic.twitter.com/YEUKfEe2wE
— Rishi Bhardwaj (@rishi_bhardwaj1) January 26, 2021
किसान आंदोलन तो बहाना है,
इनका असली मक़सद देश को गिराना है!!#FarmersProtestHijacked @BJP4India @CRPaatil pic.twitter.com/52dpbMArd6— Ashish Nita Mehta (@AK_MEHTA84) January 26, 2021
— Raj Nathani (@RajNathaniBJP) January 26, 2021
सत्ता से बाहर होने की बौखलाहट में कांग्रेस और वामपंथी किसी हद तक जा सकते हैं
फिर वो चाहे गणतंत्र दिवस जैसे हमारे महान पर्व पर दुनिया को भारत के भीतर अराजकता का नंगा नाच दिखाने की ही क्यूं ना हो
ये भारत का अपमान है !! pic.twitter.com/qxupIUltvo
— अमित पांडेय (@ISHUPANDEY) January 26, 2021
वहीं गृह मंत्रालय ने उपद्रव को देखते हुए एहतियात के तौर सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर, टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चौक, नांगलोई में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।
उपद्रव को लेकर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेताओं ने इस उपद्रव पर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि, ये उपद्रव करने वाले लोग हमारे आंदोलन का हिस्सा नहीं है। योगेंद्र यादव ने अपने ट्विटर से एक अपील करते हुए अपील की कि, “सभी साथियों से अपील है कि संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा निर्धारित रूट पर ही परेड करें। उससे अलग होने से आंदोलन को सिर्फ नुकसान ही होगा। शांति ही किसान आन्दोलन की ताकत है। शांति टूटी तो सिर्फ आंदोलन को नुकसान होगा।”