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Rahul Gandhi: ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका जाएंगे राहुल गांधी, क्या फिर देंगे अपने आलोचकों और मीडिया को कोई मसाला?

यही नहीं, कइओं उनकी इन तकरीरों से खफा होने के बाद उनकी वतनपरस्ती पर सवाल उठा थे और यहां तक कहने से भी पीछे नहीं हटा था कि भला इटली मूल का कोई नागरिक कैसे भारत की तरक्की बर्दाश्त कर सकेगा। इसके बाद राहुल के बचाव में मोर्चा संभालने में गुरेज नहीं किया।

नई दिल्ली। पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा को संपन्न करने के बाद ब्रिटेन पहुंचे थे और वहां भारतीय लोकतंत्र और मौजूदा हुकूमत के खिलाफ अपनी जमकर भड़ास निकाली थी। अपनी तकरीरों में कहीं उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को खतरे में बताया था, तो कहीं भारतीय संप्रभुता को, तो कहीं भारतीय मीडिया को, तो कहीं भारतीय मौलिक अधिकारों को। वहीं जिस भारतीय लोकतंत्र को राहुल ने ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में खतरे में बताया था। आज उसी लोकतंत्र के बलबूते कर्नाटक चुनाव में विजयी परचम लहराने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अब अमेरिका जाने का मन बनाया है। वो आगामी 31 मई को अमेरिका जा रहे हैं, जहां उनका मुख्तलिफ संस्थानों में कार्यक्रम प्रस्तावित है। अब देखना होगा कि क्या वो इन सभी कार्यक्रमों में फिर से भारतीय लोकतंत्र की आलोचना और मौजूदा सरकार पर निशाना साधने जैसी रस्म अदायगी करते हैं या फिर मीडिया और अपने आलोचकों को कुछ नया मसाला देते हैं। देखना यकीनन रोचक रहेगा।

sonia and rahul gandhi

शायद आपको याद हो कि इससे पहले राहुल जब भारत जोड़ो यात्रा को संपन्न करने के बाद ब्रिटेन पहुंचे थे, तो उस वक्त जहां उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की जमकर आलोचना की थी, तो वहीं मौजूदा सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे, जिसे लेकर उनके आलोचक उन पर हमलावर हो गए थे। बीजेपी ने यहां तक कहा था कि राहुल विदेशी साजिश के तहत विलायती धरा पर भारत की आलोचना कर रहे हैं।

यही नहीं, कइओं ने उनकी इन तकरीरों से खफा होने के बाद उनकी वतनपरस्ती पर सवाल उठा दिए थे और यहां तक कहने से भी पीछे नहीं हटे थे कि भला इटली मूल का कोई नागरिक कैसे भारत की तरक्की बर्दाश्त कर सकेगा। इसके बाद कांग्रेस ने राहुल के बचाव में मोर्चा संभालने में गुरेज नहीं किया। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सामने आए और उन्होंने बीजेपी को दो टूक जवाब देते हुए स्पष्ट कर दिया कि विदेशी भूमि पर राहुल ने भारत की अस्मिता पर प्रहार नहीं किया है, बल्कि मौजूदा सरकार को आइना दिखाने का काम किया हैं, जिसे कछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।

RAHUL

वहीं, अगर कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की बात करें, तो राजनीतिक पंडित बताते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव के आलोक में राहुल गांधी ने मौजूदा सरकार के खिलाफ सियासी माहौल को पैदा करने के लिए यह यात्रा निकाली थी। अब यह यात्रा कितनी कारगर साबित हो पाती है। यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में निहित है, लेकिन आपको बता दें कि इस यात्रा के बाद जितने भी चुनाव हुए हैं, सिर्फ़ गुजरात को छोड़कर सभी चुनावों में कांग्रेस को अपार सफलता मिलती नजर आ रही है।  बीते दिनों हुए सागरदिघी उपचुनाव में भी कांग्रेस ने जीत का पताका फहराया था। ध्यान रहे कि यह सीट पिछले 50 सालों से टीएमसी का अभेद दुर्ग मानी जाती थी, लेकिन अब जिस तरह से कांग्रेस ने इस अभेद दुर्ग को भेदकर अपना किला स्थापित किया है, उसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।