
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संसद के प्रिविलेज कमिटी के सामने मांग की है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की जाय। दुबे ने कहा कि अपने 50 मिनट के भाषण में राहुल गांधी ने 75 बार अडानी का नाम लिया जिससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस नेता किस कदर बैचेन हैं। दुबे ने समिति के सामने दलील दी कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के लिए उनके खिलाफ तीन कारणों से प्रिविलेज का मामला बनता है। आपको बता दें कि नियमों के मुताबिक, किसी भी सांसद या मंत्री के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने से पूर्व लोकसभा स्पीकर को जानकारी लेनी पड़ती है। लेकिन, राहुल गांधी ने ऐसी कोई भी इजाजत नहीं ली थी।
दूसरा, कारण ये हो सकता है कि भले ही लोकसभा स्पीकर ने उनके भाषणों को एकस्पंज कर दिया है लेकिन राहुल गांधी के ट्वीटर हैंडल और यूट्यूब चैनल और इंडियन नेशनल कांग्रेस के YouTube चैनल पर आज भी राहुल गांधी के बिना एक्सपंज किया हुआ भाषण चल रहा है। तीसरा, राहुल गांधी ने स्पीकर के इंटीग्रिटी पर प्रश्न किया और चैलेंज किया। अगर एक बार स्पीकर ने एक्सपंज कर दिया उसको चैलेंज नहीं किया जा सकता। लेकन, इसके बावजूद भी राहुल गांधी लगातार विदेशी धरा पर कह रहे हैं कि उन्हें भारत में किसी भी मसले पर बोलने नहीं दिया जा रहा है। यहां तक संसद में बोलने के दौरान उनका माइक भी बंद कर दिया जाता है। जिस पर आज उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी आपत्ति जताई है।
आज समिति की बैठक में कुल 8 सदस्य मौजूद थे। डीएमके सांसद टीआर बालू बैठक में मौजूद नहीं थे पर उन्होंने लिखकर दे दिया था कि राहुल गांधी पर कोई प्रिविलेज का मामला नहीं बनता है। वहीं, इस पूरे मसले पर कांग्रेस सांसद सुरेश ने कहा कि जब राहुल का भाषण एक्सपंज हो गया तब प्रिविलेज का मामला क्यों बनाया जा रहा। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने दुबे से कई मामलों को ऑथेंटीकेट करवाया और थोड़ी ज्यादा क्रॉस क्वेश्चनिंग की। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को हिंडेनवर्ग अडानी मामले में पूछताछ के लिए प्रिविलेज समिति अगले सप्ताह बुला सकती है।