नई दिल्ली। सांसदी गंवाने के बाद राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता कर एक बयान दिया था। शायद आपको याद हो। उनके इस बयान को लेकर बीजेपी ने उन पर तंज कसते हुए कहा था कि रस्सी जल गई, लेकिन साहब का बल नहीं गया। आखिर क्या था वो बयान? हम आपको आगे विस्तार से सबकुछ बताएंगे। लेकिन आइए उससे पहले राहुल गांधी प्रकरण पर एक नजर डालते हैं। आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने मोदी समुदाय को चोर बता दिया था। उन्होंने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का जिक्र कर कहा था कि आखिर सभी मोदी चोर क्यों होते हैं? उनके इस बयान ने उनकी लुटिया डुबो दी। गुजरात की सूरत कोर्ट ने उन्हें मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई।
हालांकि, उन्हें बाद में जमानत मिल गई। लेकिन आपको बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अगर किसी राजनेता को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाती है। कुछ ऐसा ही राहुल गांधी के साथ हुआ। अब वो अलग बात है कि वो इसे अदानी प्रकरण से जोड़कर कह रहे हों कि उन्हें संसद में अदानी के खिलाफ पीएम मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछने की कीमत सांसदी गंवाकर चुकानी प़ड़ी हो। बहरहाल, अब आगे वो क्या कदम उठाते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।
लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि सांसदी छीने जाने के बाद राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता की थी और उसमें उन्होंने पत्रकार बंधुओं के समस्त सवाल का बेबाकी से जवाब दिया था, जिसमें से एक सवाल उनकी माफी से जुड़ा हुआ था। दरअसल, उनसे सवाल पूछा गया था कि बीजेपी आपसे माफी की मांग कर रही है। अगर आप माफी मांग लेते , तो आज आपको यह दिन नहीं देखा पड़ता। इस पर राहुल ने कह दिया कि मैं वीर सावरकर नहीं हूं, जो माफी मांग लूंगा। मैं गांधी हूं और गांधी कभी माफी नहीं मांगते हैं। उनके इस बयान के बाद बीजेपी उन पर फिर से हमलावर हो गई और कहने लगी कि रस्सी जल गई, लेकिन बल नहीं गया।
वहीं, अब राहुल के इस बयान के बाद अब उद्धव गुट के शिवसेना नेता संजय राउत का भी बयान सामने आया है। उन्होंने वीर सावरकर को लेकर राहुल द्वारा दिए गए बयान को लेकर उनकी आलोचना की है। उन्होंने राहुल को सुझाव देते हुए कहा कि आपके साथ जो कुछ भी हुआ है, उसमें हम आपका सपोर्ट करते हैं, लेकिन आपके द्वारा वीर सावरकर पर दिया बयान आपको शोभा नहीं देता है। राउत ने आगे कहा कि सावरकर हमारे लिए श्रद्धा का विषय है। वो हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। सावरकर देश की आजादी के लिए 14 साल तक जेल में रहे और काला पानी की सजा को भी सहर्ष स्वीकार किया। यह अपने आप में आसान काम नहीं है। ऐसे में इस तरह के व्यक्ति पर कीचड़ उछालना किसी को शोभा नहीं देता है। वो भी ऐसे व्यक्ति के लिए जो कि अब दुनिया में नहीं है।
उधर, उद्धव ठाकरे ने भी वीर सावरकर पर दिए बयान को लेकर राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर ने 14 साल तक सेलुलर जेल में असहनीय यातनाएं झेली हैं, जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।