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Raids On SDPI: तमिलनाडु के कई जिलों में एसडीपीआई नेताओं पर बड़े पैमाने की छापेमारी, प्रतिबंधित पीएफआई से रिश्तों का है आरोप

ये छापेमारी आज सुबह से बड़े पैमाने पर की जा रही है। एसडीपीआई पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंध होने का आरोप पहले से लगता रहा है। बताया जाता है कि एसडीपीआई को पीएफआई ने अपने राजनीतिक फ्रंट के तौर पर बनाया था। पहले भी एसडीपीआई के दफ्तरों पर छापे मारे जा चुके हैं।

चेन्नई। केंद्रीय जांच एजेंसियों का रुख एक बार फिर तमिलनाडु की ओर पड़ा है। ताजा जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु के कई जिलों में एसडीपीआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर एनआईए की छापेमारी हो रही है। ये छापेमारी आज सुबह से बड़े पैमाने पर की जा रही है। एसडीपीआई पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंध होने का आरोप पहले से लगता रहा है। बताया जाता है कि एसडीपीआई को पीएफआई ने अपने राजनीतिक फ्रंट के तौर पर बनाया था। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान एसडीपीआई से समर्थन मांगने का कांग्रेस के नेताओं पर बीजेपी ने आरोप भी लगाया था।

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एसडीपीआई नेताओं पर पहली बार इतना बड़ा छापा पड़ा है। पहले ये जानकारी सामने आई थी कि पीएफआई पर बैन लगने के बाद उसके सदस्य एसडीपीआई का हिस्सा बन रहे हैं। पीएफआई पर केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने पिछले साल यानी 2022 में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। इन छापेमारी में एनआईए ने पीएफआई के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई पर बैन लगा दिया था। इसके बाद से देश के कई हिस्सों में पीएफआई पर एनआईए लगातार छापेमारी करती रही है। पीएफआई के दो सदस्य बिहार शरीफ से गिरफ्तार किए गए थे। इसके बाद बड़ी साजिश का खुलासा हुआ था।

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पीएफआई के गिरफ्तार सदस्यों से 8 पेज का दस्तावेज बरामद किया गया था। बिहार पुलिस ने उस वक्त बताया था कि दस्तावेज में लिखा है कि किस तरह साल 2047 यानी भारत की आजादी के 100 साल होने पर देश को इस्लामी बनाने की योजना पीएफआई की थी। पीएफआई ने चुनाव लड़कर संसद और विधानसभाओं में जाने और फिर देश की अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे का खाका इस दस्तावेज में बताया था। साथ ही ये भी पता चला था कि बिहार और अन्य राज्यों में पीएफआई अपने सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दे रहा था।