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Gujarat: PM मोदी की तरह अनुशासन प्रिय, लेकिन अपने इस स्वभाव से हरदिल अजीज बन गए हैं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

Railway Minister Ashwini Vaishnav: इससे पहले रेल मंत्री ने गांधीनगर कैपिटल स्टेशन के नए बने बुनियादी ढांचे को भी खुद परखकर देखा। टिकट काउंटर पर जाकर उन्होंने एक सेल्फी भी ली।

गांधीनगर। अनुशासन जरूरी जरूर है, लेकिन साथ ही जरूरत अच्छे दिल की भी है। अपनी सरकार के मंत्रियों को पीएम नरेंद्र मोदी ने ये गुरुमंत्र दे रखा है। पीएम मोदी के इस गुरुमंत्र को अपनी जिंदगी में तमाम मंत्री शामिल कर चुके हैं। इन्हीं में से हैं नए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव। जिन्होंने अपने मंत्रालय की कार्यप्रणाली में काफी बदलाव किए हैं। आमतौर पर कर्मचारी जल्दी किसी बदलाव को सहजता से नहीं लेते, लेकिन अश्विनी वैष्णव के हर कदम की रेल के कर्मचारी तारीफ करते नहीं थक रहे। इसकी बड़ी वजह है रेल मंत्री का व्यवहार। रेल मंत्री के इस दोस्ताना व्यवहार की झलक गुजरात के एक लोको पायलट यानी ट्रेन चलाने वाले ड्राइवर को भी मिली। मौका था गुजरात के गांधीनगर कैपिटल स्टेशन से वडनगर तक बिछाई गई नई रेल लाइन के निरीक्षण का। शुक्रवार को निरीक्षण ट्रेन जब चलने के लिए तैयार हुई, तो अचानक अश्विनी वैष्णव भी इंजन के पायलट केबिन में जा पहुंचे और ट्रेन चलाने के लिए कहा। वह काफी दूर तक पायलट केबिन में खड़े होकर गए। इस दौरान रेल मंत्री ने ड्राइवर से इंजन और ट्रैक के बारे में कुछ जानकारी भी हासिल की।

इससे पहले रेल मंत्री ने गांधीनगर कैपिटल स्टेशन के नए बने बुनियादी ढांचे को भी खुद परखकर देखा। टिकट काउंटर पर जाकर उन्होंने एक सेल्फी भी ली। जहां रेल के कर्मचारी यात्रियों के इंतजार में थे। वैष्णव ने इस सेल्फी को ट्विटर पर शेयर किया और लिखा कि गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन देश की आकांक्षाओं और पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने वाला प्रोजेक्ट है।

बता दें कि रेल मंत्री बनने के बाद अपने मंत्रालय के दफ्तर में भी अश्विनी वैष्णव ऐसा ही दोस्ताना व्यवहार दिखा चुके हैं। वह कर्मचारियों से मिलने पहुंचे थे। वहां उनके ही कॉलेज में पढ़ाई कर चुके एक इंजीनियर भी मौजूद थे। जब रेल मंत्री को पता चला कि इंजीनियर भी उसी कॉलेज से पढ़े हैं, जहां से वह भी पढ़े, तो उन्होंने इंजीनियर को “आओ यार, गले लग जाओ” कहकर बुलाया था और उसे गले भी लगाकर शाबासी दी थी।

ashwini-vaishnaw

हालांकि रेल मंत्री ने अपने मंत्रालय के कामकाज के तरीके में बदलाव भी किया है। अब मंत्रालय में हफ्ते में सातों दिन दो शिफ्ट में काम होता है। कामकाज के तरीके में बदलाव करने के बाद भी किसी कर्मचारी संगठन ने इसका कोई विरोध नहीं किया। इसकी बड़ी वजह बस एक ही है। और वह है अश्विनी वैष्णव का दोस्ताना रवैया और सबकी परेशानी दूर करने के लिए उनके साथ खड़े होना।