
जयपुर। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के साथ कल यानी 3 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आने वाले हैं। राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को वोटिंग हुई थी। 30 नवंबर को एक्जिट पोल के जो नतीजे आए हैं, उनमें से कई में बीजेपी की सरकार बनती बताई गई है। वहीं, कुछ एक्जिट पोल में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सरकार बनाने के लिए कांटे की टक्कर की भविष्यवाणी की गई है। एक्जिट पोल के इन नतीजों के बाद ही राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस खेमे में सरगर्मियां बढ़ गई हैं। खासकर दोनों दल के नेता अपने बागी प्रत्याशियों के संपर्क में बताए जा रहे हैं। इसके अलावा भी जयपुर से लेकर दिल्ली तक सियासी खेल जारी रहने की जानकारी आई है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले जयपुर में कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेताओं की राजनीतिक गतिविधियां बढ़ती दिख रही हैं। बीजेपी की नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और कांग्रेस के दिग्गज और मौजूदा सीएम अशोक गहलोत इस गतिविधि में जुटे दिखे। वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत ने गवर्नर से मुलाकात की। खबर ये है कि कांग्रेस के एक और दिग्गज सचिन पायलट दिल्ली में जमे हुए हैं। माना जा रहा है कि वो कांग्रेस आलाकमान से दिशानिर्देश लेने के लिए दिल्ली गए हैं। खबर ये भी है कि वसुंधरा राजे ने बीजेपी के बागी उम्मीदवारों के अलावा कांग्रेस के भी बागियों से संपर्क साध रखा है। यही बात कांग्रेस खेमे से भी निकलकर आ रही है कि उसने अपने और बीजेपी के बागियों से संपर्क साधा है। कुल मिलाकर राजस्थान में अगर बीजेपी या कांग्रेस के पक्ष में स्पष्ट नतीजे नहीं आए, तो सियासी खेल रोचक बन सकता है।

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से टिकट न मिलने पर 32 नेता बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे थे। वहीं, कांग्रेस की तरफ से 22 बागी उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है। अगर ये बागी उम्मीदवार जीते, तो त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में राजस्थान में नई सरकार के गठन में इनकी बड़ी भूमिका हो सकती है। इसी वजह से वसुंधरा और अशोक गहलोत की तरफ से बागियों से लगातार संपर्क बनाए रखने की खबर सामने आ रही है। 3 दिसंबर यानी कल दोपहर तक साफ होगा कि राजस्थान में सियासी ऊंट किस करवट बैठता है और बागी प्रत्याशी किंगमेकर बनते हैं या नहीं।