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Rajasthan: राज्यसभा चुनाव ने बढ़ाई राजस्थान के सीएम गहलोत की चिंता, जानिए ‘6 नंबर’ ने क्यों उड़ा रखी है नींद

गहलोत की बहुमत की सरकार है। बावजूद इसके वो कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के लिए परेशान हैं। सोमवार को गहलोत ने इसकी खातिर 12 निर्दलीय विधायकों से मुलाकात कर उनके समर्थन का वादा लिया था। मंगलवार को उन्होंने सीपीएम के दो विधायकों से भी मीटिंग की।

जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार एक बार फिर बीजेपी से परेशान है। सीएम अशोक गहलोत दिन-रात एक कर रहे हैं। मीटिंग पर मीटिंग कर रहे अशोक गहलोत की ये परेशानी राज्यसभा के होने वाले चुनाव को लेकर बढ़ी है। राजस्थान से राज्यसभा की 4 सीटों का चुनाव होना है। 31 मई तक परचा दाखिल हो सकता है। कांग्रेस के पास इन 4 में से 3 सीटें जीतने के विधायक हैं। जबकि, गणित के हिसाब से बीजेपी 1 सीट जीत सकती है, लेकिन उसने 2 सीट पर उम्मीदवार खड़े करने का फैसला किया है। इसी ने गहलोत का सिरदर्द बढ़ा दिया है। वो नंबर गेम में उलझ गए हैं। ‘6 नंबर’ ने उनकी नींद उड़ा रखी है।

gulab chand kataria

गहलोत की बहुमत की सरकार है। बावजूद इसके वो कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के लिए परेशान हैं। सोमवार को गहलोत ने इसकी खातिर 12 निर्दलीय विधायकों से मुलाकात कर उनके समर्थन का वादा लिया था। मंगलवार को उन्होंने सीपीएम के दो विधायकों से भी मीटिंग की। इससे पहले बीजेपी के नेता गुलाब चंद कटारिया और विधानसभा में उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने एलान किया था कि उनकी पार्टी 2 प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। राठौड़ ने कहा है कि कांग्रेस खेमे के विधायकों से उन्हें दूसरा उम्मीदवार जिताने के लिए समर्थन मिलने के पूरे आसार हैं। इसी बयान ने गहलोत की चिंता और बढ़ा दी है।

Parliament

गुणा-गणित की बात करें, तो 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 108 विधायक हैं। उसे 13 निर्दलीय, ट्राइबल पार्टी के 2, सीपीएम के 2 और राष्ट्रीय लोकदल के 1 विधायक का भी समर्थन है। यानी कांग्रेस के पास 126 वोट हैं। वहीं, बीजेपी के पास 73 और सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायक हैं। यानी उसके पास 76 वोट हैं। कांग्रेस को 3 उम्मीदवार जिताने के लिए 123 वोट की जरूरत होगी। वहीं, बीजेपी अगर 2 उम्मीदवार उतारती है, तो उन्हें जिताने के लिए उसे 82 वोट की जरूरत होगी। ऐसे में गहलोत की चिंता यही है कि कहीं उनके साथ के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, तो चुनाव से एक साल पहले उनकी बड़ी फजीहत हो जाएगी।