नई दिल्ली। राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम के बीच राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट गुट को राहत देते हुए विधानसभा स्पीकर के द्वारा दिए गए नोटिस पर अभी स्टे लगा दिया गया है। इस नोटिस पर स्टे लगने का मतलब यह हुआ कि विधानसभा अध्यक्ष पायलट गुट के विधायकों को फिलहाल अयोग्य करार नहीं दे पाएंगे।
इस फैसले के बाद से ही जयपुर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। फैसले के बाद होटल फेयर माउंट में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें विधायकों द्वारा राज्यपाल से मिलने का फैसला किया गया। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने गवर्नर कलराज मिश्र से मिलने के लिए समय मांगा। राज्यपाल ने विधायकों को 12.30 बजे मिलने का वक्त दिया। इस बीच होटल फेयरमॉन्ट के बाहर बसें तैयार कर दी गईं। विधायक इन्हीं बसों से राज्यपाल को मिलने के लिए जा रहे हैं।
बता दें कि शुक्रवार को राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और 18 विधायकों की विधानसभा सदस्यता को अयोग्य ठहराने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।
Rajasthan High Court directs ‘status quo’ in the case against Congress, on the petition filed by Sachin Pilot and MLAs against disqualification notice. pic.twitter.com/9BvazTScWG
— ANI (@ANI) July 24, 2020
दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार से विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी की थी। इस सत्र के दौरान सचिन पायलट समेत बागी 19 विधायकों पर दबाव बनाया जाता। अब हाई कोर्ट के फैसले के बाद सीएम अशोक गहलोत के सामने विधानसभा सत्र बुलाने पर संकट के बाद मंडरा रहे है। हाई कोर्ट में स्पीकर सीपी जोशी के वकील प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि सचिन पायलट के लिए यह फौरी राहत है। हाई कोर्ट ने 14 तारीख को जारी किए गए नोटिस पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। बागियों की अयोग्यता पर स्पीकर फैसला कर सकते हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले का मतलब समझें तो स्पीकर के नोटिस पर हाई कोर्ट का स्टे लग गया है और सचिन पायलट की याचिका को सही माना गया है। अब इस मामले में आगे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी। फिलहाल सदस्यता रद्द करने का मसला स्पीकर पर छोड़ा गया है और सुप्रीम कोर्ट में केस पहुंचा है इसलिए यथास्थिति का आदेश दिया गया है।