नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में संकट इस कदर बना हुआ है कि सचिन पायलट बगावत की सीट पर उड़ान भरते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी आलाकमान का साथ मिलता देखा जा रहा है। दरअसल सचिन पायलट गहलोत से अपनी नाराजगी को लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा चुके हैं लेकिन आलाकमान से मुलाकात करने का मौका नहीं मिला ऊपर से अब राजस्थान सरकार अस्थिर करने के आरोप में पार्टी से निकालने जाने की भी नौबत आ चुकी है।
इन सबके बीच सचिन पायलट के बागी तेवर देखते हुए कांग्रेस ने भी अपने तेवर सख्त कर लिए हैं और सोमवार सुबह होने वाली बैठक के लिए विधायकों को व्हिप जारी किया। इसमें कहा गया है कि अगर कोई भी कांग्रेस का विधायक बैठक में नहीं आता है तो उसकी सदस्यता जाएगी।
ऐसे में कांग्रेसी नेता संजय झा ने सचिन पायलट का समर्थन करते हुए कहा कि, मैं सचिन पायलट के साथ खड़ा हूं। अपनी बात रखते हुए ट्वीट में संजय झा ने कुछ आंकड़ें भी रखे हैं, जिससे ये बताने की कोशिश की है कि आखिर राजस्थान में सचिन पायलट ने किस कदर मजबूती के साथ पार्टी को नया जीवन दिया है, उसके बाद भी उन्हें सीएम नहीं बनाया गया।
संजय झा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “मैं पूरी तरीके से सचिन पायलट के पीछे खड़ा हूं। जरा फैक्ट्स देखिए..2013 में विधानसभा चुनाव हुए, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे, नतीजे जब आए तो पार्टी को उस चुनाव में सबसे कम 21 सीटें मिलीं।(75 सीटों का नुकसान हुआ), भाजपा को 163 सीटें मिली। वहीं 2018 के चुनाव में भाजपा को 73 और कांग्रेस को 100 सीटें मिली। इसके लिए सचिन पायलट ने कड़ी मेहनत की, लेकिन मुख्यमंत्री देखिए किसे बनाया गया?”
आपको बता दें कि कांग्रेस आलाकमान ने 2013 के चुनाव हारने के बाद सचिन पायलट पर भरोसा जताते हुए 5 साल तक उनको कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखा, इस बीच कांग्रेस महासचिव के रूप में अशोक गहलोत कांग्रेस पार्टी में काम करते रहे।
Sanjay Jha dropped as AICC spokesperson with immediate effect. Abhishek Dutt and Sadhna Bharti appointed as National Media Panelist of Congress party. pic.twitter.com/v9x0HvoJkG
— ANI (@ANI) June 17, 2020
बता दें कि संजय झा इससे पहले भी पार्टी आलाकमान को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। संजय झा ने पिछले दिनों एक लेख के माध्यम से पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है। आपको बता दें कि आज सोनिया गांधी ने अभिषेक दत्त और साधना भारती को पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया के पैनल में नियुक्त करने को भी मंजूरी दी। इसके चलते संजय झा को 17 जून को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था।