औवैसी ने दिखाया बाबरी प्रेम, शिवसेना ने कुछ ऐसे की बोलती बंद

तीखे सवाल करते हुए शिवसेना ने ओवैसी से पूछा कि, बाबर कौन है, वह तुम्हारा क्या लगता है।  बाबर अब हिंदुस्थान तो क्या, पूरी दुनिया में कहीं भी जिंदा नहीं है।

Avatar Written by: August 7, 2020 2:18 pm
Saamana Owaisi

नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन पर कुछ दल और नेता ऐसे भी सामने आए जिन्होंने अपना बाबरी प्रेम दिखाया। इसमें असदुद्दीन ओवैसी सबसे आगे रहे। ओवैसी ने अपना बाबरी प्रेम दिखाते हुए कहा कि, बाबरी थी, है और हमेशा जिंदा रहेगी। उनके इस बयान की चारों तरफ आलोचना हो रही है। शिवसेना के मुखपत्र सामना ने भी ओवैसी को इस बयान के लिए जमकर लताड़ लगाई है।

bhumi poojan

ओवैसी को लेकर सामना में शिवसेना ने कहा कि ‘बाबर अब हिंदुस्थान तो क्या पूरी दुनिया में कहीं जिंदा नहीं है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण अब एक हकीकत बन चुका है। यह जन-भावनाओं की विजय है मिस्टर ओवैसी, अब रोना वगैरह बंद करो।’ शिवसेना ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि वह इस मामले में नाक घुसाना बंद करे। सबसे पहले वह अपने संविधान में इस्लामिक रिपब्लिक हटाकर धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़े, उसके बाद हमसे बात करे।

owaisi tweet

सामना में प्रकाशित ताजा लेख में कहा गया है कि अयोध्या में भव्य-दिव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने  साष्टांग दंडवत होकर श्री राम के दर्शन किए। मोदी ने कहा कि राम जन्मभूमि संकट के चक्रव्यूह से मुक्त हो गई है। राहुल- प्रियंका समेत सभी नेताओं ने इसका स्वागत किया है लेकिन विघ्नसंतोषी असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि बाबर जिंदा है और जिंदा रहेगा। ओवैसी की इस बांग देश के बाकी मुसलमान बंधु स्वागत नहीं करते।

owaisi Babari

तीखे सवाल करते हुए शिवसेना ने ओवैसी से पूछा कि, बाबर कौन है, वह तुम्हारा क्या लगता है।  बाबर अब हिंदुस्थान तो क्या, पूरी दुनिया में कहीं भी जिंदा नहीं है। जिस उज्बेकिस्तान से वह आया, उस देश में वह कितना जिंदा है?. बाबर हिंदुस्थान में घुसने वाला आक्रांता था। हिंदुओं पर कुछ काल तक राज कर लेने से उनका अस्तित्व समाप्त नहीं हो जाता। बाबर ने राम जन्मभूमि का विध्वंस किया और वहां मस्जिद बनाई। इस बात को ओवैसी जैसे नेता स्वीकार क्यों नहीं करते?

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहराव की प्रशंसा करते हुए सामना ने कहा कि अप्रैल 1992 में नरसिंह राव ने धर्म निरपेक्षता पर अपने विचार रखे थे। उन्होंने कहा था कि कोई दल धर्मनिरपेक्ष है। इसे कैसे साबित किया जाए। जामा मस्जिद में इमाम के सामने बैठकर राजनीतिक फायदे-नुकसान की बात करने वाले धर्मनिरपेक्ष और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण करने वाले धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं, ऐसा मानना ही धर्मनिरपेक्षता का ढोंग है। इस ढोंग को 6 दिसंबर 1992 को हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया।

saamana

ओवैसी के अलावा पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख अहमद पर निशाना साधते हुए सामना ने लिखा कि वह कहते हैं कि भारत अब एक सेक्युलर देश नहीं रहा. वह अब ‘रामनगर’ बन गया है। पाकिस्तान को इस मामले में अपनी नाक घुसाने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान को सबसे पहले अपने संविधान से इस्लामी रिपब्लिक शब्द हटाकर उसे धर्मनिरपेक्ष घोषित करना चाहिए। साथ ही पाकिस्तान में मंदिरों, गुरुद्वारों और चर्चों पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। वहां हिंदुओं से दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है।  हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण करवाया जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तानियों को अपना मुंह खोलने की कोई जरूरत नहीं है।