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Rahul Gandhi: आवास खाली करने का मिला नोटिस, तो छलका राहुल गांधी का दर्द, कहा- मेरी यहां से…!

Rahul Gandhi: दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने भाषण में कह दिया था कि आखिर सभी मोदी चोर क्यों होते हैं? इस बीच उन्होंने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी का भी जिक्र किया था। जिस पर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया गया।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद बीते मंगलवार को लोकसभा की आवास समिति ने उन्हें तुगलक रोड स्थिति सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश दिया है। उन्हें आवास खाली करने के लिए आगामी 4 अप्रैल का समय दिया गया है। हालांकि, अगर वो अतिरिक्त समय मांगते हुए तो उन्हें दिया जाएगा। उधऱ, घर खाली करने के निर्देश पर राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। आइए, आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?

क्या बोले राहुल गांधी ?

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं पिछले चार साल से यहां पर हूं। यहां से जुड़ी मेरे पास कई यादें हैं ,जो मुझे हमेशा याद आएंगी। राहुल ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बिना किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित हुए आपके निर्देशों की तामिल की जाएगी। ध्यान रहे कि आवास खाली करने का नोटिस मिलने के बाद राहुल गांधी की यह पहली प्रतिक्रिया है। आइए, आगे आपको वो पूरा माजरा बताते हैं, जिसमें राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया है।

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जानें पूरा माजरा

दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने भाषण में कह दिया था कि आखिर सभी मोदी चोर क्यों होते हैं? इस बीच उन्होंने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी का भी जिक्र किया था। जिस पर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया गया। बीते गुरुवार को राहुल को इसी मामले में दोषी करार दिया गया है, लेकिन बाद में उन्हें जमानत भी मिल गई। ध्यान रहे कि जब किसी राजनेता को किसी मामले में दोषी करार दिया जाता है, तो जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, उसकी संसद सदस्यता स्वत: निरस्त हो जाती है। राहुल गांधी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है।

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हालांकि, उनके पास उक्त फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देने का विकल्प था, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया गया है, जिस पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस भी राहुल से निजात पाना चाहती थी, इसलिए जहां पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को अविलंब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन राहुल गांधी के मामले में कोताही बरती गई। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस ने सोची-समझी साजिश के तहत राहुल से छुटकारा पाया है। उधऱ, कांग्रेस ने राहुल की सांसदी छीने जाने को बीजेपी की साजिश बताया है, जबकि बीजेपी ने इसे कानून का कार्य बताया है। बहरहाल ,इस पूरे मसले को लेकर कांग्रेस बीजेपी के बीच वार प्रतिवार का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।