newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Justice Yashwant Verma Transferred To Allahabad High Court : इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी कोई न्यायिक कार्य नहीं कर पाएंगे जस्टिस यशवंत वर्मा

Justice Yashwant Verma Transferred To Allahabad High Court : केंद्र सरकार ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपना पदभार ग्रहण करने और कार्यभार संभालने का निर्देश दिया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस से कहा है कि वे जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपें। कैश बरामदगी मामले में जांच पूरी होने तक जस्टिस वर्मा के किसी भी तरह के न्यायिक कार्य करने पर सीजेआई ने रोक लगाई है।

नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादले की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया है। इसी के साथ सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अधिसूचना के मुताबिक जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपना पदभार ग्रहण करने और कार्यभार संभालने का निर्देश दिया गया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस से कहा है कि वे जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपें। केंद्र सरकार जस्टिस वर्मा के तबादले की अधिसूचना ऐसे समय पर जारी की है जब कल ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों से अपनी सिफारिश पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया था। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट के जज चंद्रधारी सिंह और ओडिशा हाईकोर्ट के जस्टिस अरिंदम शाहा का भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किया गया है।

उधर इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकीलों की हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी है। अब जस्टिस वर्मा के तबादले की अधिसूचना जारी होने के बाद वकीलों का प्रदर्शन और जोर पकड़ सकता है। दरअसल जस्टिस वर्मा के घर पर बड़ी मात्रा में कैश बरामद होने के बाद उनका तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट करने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से इसका विरोध किया गया था। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा था कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादला किए जाने से यहां की न्यायिक व्यवस्था भी सवालों के घेरे में आ जाएगी। इसी बात को लेकर बार एसोसिएशन की ओर से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है।

इससे पहले आज ही सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उसे खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आंतरिक जांच चल रही है अगर जांच में कुछ गड़बड़ी पाई जाती है तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा का मूल कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट ही है। इन्होंने यहीं से वकालत की शुरुआत की थी। 1 फरवरी 2016 को स्थायी जज के रूप में इन्हें शपथ दिलाई गई थी। यहीं से इनका तबादला दिल्ली हाईकोर्ट किया गया था।