newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Politics: सपा की हार पर सहयोगी दलों का निशाना बने अखिलेश, चाचा शिवपाल बोले- संगठन के दम पर…

सहयोगी दलों के नेताओं और चाचा शिवपाल सिंह यादव की ओर से चुनाव में पराजय की वजह से अखिलेश यादव पर निशाना लगाने से कुल मिलाकर लग रहा है कि आने वाले दिनों में सपा का गठबंधन टूटकर बिखर सकता है। इस बीच, अखिलेश यादव ने अब चुप्पी साध ली है और इससे हालात और खराब हो सकते हैं।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद लगाए समाजवादी पार्टी के गठबंधन में अब घमासान मच गया है। गठबंधन की एकता इससे तार-तार होती दिख रही है। गठबंधन के नेता चुनाव में मिली पराजय का ठीकरा इशारों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर फोड़ रहे हैं। यहां तक कि अखिलेश के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी इस ओर इशारा किया है। कुल मिलाकर लग रहा है कि आने वाले दिनों में सपा का गठबंधन टूटकर बिखर सकता है। इस बीच, अखिलेश यादव ने अब चुप्पी साध ली है और इससे हालात और खराब हो सकते हैं।

keshav dev maurya mahan dal

अखिलेश के साथ गठबंधन करने वाले महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कहा है कि गठबंधन के कुछ नेता अति आत्मविश्वास में थे। उन्होंने अखिलेश को भी ओवर कॉन्फिडेंस में रखा। मौर्य ने कहा कि गठबंधन के ऐसे नेताओं के पास खुद का वोट नहीं था, लेकिन वे जीत के दावे करते रहे। उन्होंने कहा कि गठबंधन के सभी साथी इसमें शामिल थे और हार की जिम्मेदारी ऐसे नेताओं को लेनी ही होगी। उधर, अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह ने कहा कि कहीं न कहीं खामियां रही हैं और उस पर सभी को चिंतन करना चाहिए। चुनाव हमेशा संगठन के दम पर जीते जाते हैं। बता दें कि अखिलेश ने प्रसपा से सिर्फ शिवपाल को ही टिकट दिया था। इससे शिवपाल नाराज बताए जा रहे थे।

akhilesh shivpal

खबर ये भी है कि सपा के तमाम नेता भी बातचीत में कह रहे हैं कि पार्टी और गठबंधन के कुछ नेताओं के बड़बोलेपन से नुकसान हुआ। इससे पहले 2017 में सपा ने कांग्रेस और 2019 में बीएसपी के साथ गठबंधन किया था और दोनों ही बार चुनावों में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले शनिवार को ही सपा गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यानी सुभासपा के चीफ ओमप्रकाश राजभर ने भी बयान दिया था कि चुनाव के पहले ही दौर के बाद उन्हें पता चल गया था कि सपा गठबंधन को जीत हासिल नहीं होने वाली है, लेकिन चुनाव के बीच में ये बात वो कह नहीं सकते थे।

om parkash rajbhar