नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आखिरी दौर का मतदान 07 मार्च को होना है। अब तक 6 चरणों की वोटिंग हो चुकी है। नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। लेकिन अंतिम दौर के मतदान से पहले दलबदल का सिलसिला जारी है। दरअसल बीते दिन भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मंयक जोशी ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। बता दें कि कुछ दिनों पहले मंयक जोशी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। जिसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि वो सपा की साइकिल पर सवार हो सकते है और शनिवार को ऐसे ही हुआ। उन्होंने अखिलेश यादव की प्रयागराज की चुनावी रैली में औपचारिक रूप से सपा में शामिल हो गए।
वहीं, इन सबके बीच खबरें आई है कि भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी को राज्यपाल बनाया जा सकता है। बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के बाद वो घोषणा कर चुकी हैं कि अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी। जिसके बाद माना जा रहा था कि उन्हें राज्यपाल बनाया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसके लिए उन्होंने कोशिश भी शुरू कर दी थी। लेकिन अब उनके बेटे मंयक जोशी के सपा में शामिल होने के बाद उनके प्रयासों को झटका लगने की बात सामने आ रही है।
गौरतलब है कि भाजपा सांसद रीता जोशी अपने बेटे मंयक को लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से पार्टी से टिकट की मांग कर रही थी। इतना ही नहीं, भाजपा सांसद जोशी ने बेटे को टिकट दिए जाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को चिट्ठी भी लिखी थी। इसके अलावा उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने की बात भी कही थी। जिससे एक ही परिवार के 2 लोगों को टिकट नहीं दिए जाने की भारतीय जनता पार्टी की नीति बेटे मंयक जोशी की राह में रोड़ा न बनने पाए। मगर इसके बावजूद पार्टी ने उनके बेटे को टिकट नहीं दिया।