Rss Change DP: खुद की देशभक्ति पर सवाल उठाने वालों को RSS का करारा जवाब, सोशल मीडिया हैंडल पर लहराया तिरंगा
विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा था कि मोदी ने सबसे तिरंगा लगाने के लिए कहा है, लेकिन आरएसएस या उसके पदाधिकारी ऐसा नहीं कर रहे। खासकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इस मसले पर काफी मुखर थे। उनके अलावा पवन खेड़ा और जयराम रमेश ने भी आरएसएस पर तंज कसा था।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS और इसके प्रमुख समेत तमाम पदाधिकारियों ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर अपने ट्विटर हैंडल की डीपी यानी डिस्प्ले पिक्चर में राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर लगाई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 से 15 अगस्त तक सभी से अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अपील की थी। साथ ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट में भी तिरंगा लगाने के लिए कहा था। इस मुद्दे पर विपक्ष ने लगातार आरएसएस और उसके पदाधिकारियों पर निशाना साधना जारी रखा था। बीती रात 12 बजते ही 13 अगस्त की तारीख शुरू होने के साथ आरएसएस और मोहन भागवत समेत सभी पदाधिकारियों ने अपनी डीपी में तिरंगा लगा दिया।
इससे पहले आरएसएस के सोशल मीडिया हैंडल पर भगवा झंडा लगा था। जिसे लेकर विपक्ष लगातार हमलावर तेवर अपनाए हुए था। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा था कि मोदी ने सबसे तिरंगा लगाने के लिए कहा है, लेकिन आरएसएस या उसके पदाधिकारी ऐसा नहीं कर रहे। खासकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इस मसले पर काफी मुखर थे। राहुल गांधी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि इतिहास गवाह है हर घर तिरंगा मुहिम चलाने वाले उस देशद्रोही संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया। उन्होंने ये भी लिखा था कि आजादी की लड़ाई से, ये कांग्रेस पार्टी को तब भी नहीं रोक पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।
राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर लिखा था कि संघ वालों अब तो तिरंगा को अपना लो। वहीं, पार्टी के सांसद और मीडिया का प्रभार देखने वाले जयराम रमेश ने तंज कसते हुए लिखा था कि पीएम मोदी का डीपी बदलने वाला संदेश नागपुर के उनके परिवार तक नहीं पहुंचा जिन्होंने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया। अब आरएसएस का संदेश साफ है कि वो भी भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर मुहिम के साथ खड़ा है। खास बात ये कि अब सबकी नजर इसपर है कि आरएसएस के इस कदम को विपक्ष किस तरह देखता है। साथ ही राहुल गांधी की प्रतिक्रिया का भी इंतजार है। क्योंकि वो इस मुद्दे को उठाने में सबसे आगे रहे हैं।