रुद्रपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू राष्ट्र को अपना प्राण बताया है। मोहन भागवत ने रविवार को उत्तराखंड के रुद्रपुर के द्रोण कॉलेज में आरएसएस के शिक्षा वर्ग को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि अगर हिंदू डूबेगा, तो हम सब साथ डूबेंगे। इसका ध्यान सभी को रखना चाहिए। हिंदी अखबार दैनिक जागरण के मुताबिक मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है। अगर इस मातृभूमि में एक भी व्यक्ति हिंदू है, तो भी ये हिंदू राष्ट्र है। मोहन भागवत ने ये भी कहा कि संघ पूरे हिंदू समाज को संगठित करने के अलावा कुछ और नहीं करेगा। उन्होंने आरएसएस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में भारत माता की जय होनी चाहिए। ये भारत को वैभव दिलाकर ही संभव है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज को स्वार्थ छोड़कर देश की चिंता करनी चाहिए। जो देश की चिंता नहीं करता, वो मिट जाता है। इसलिए हर एक को देश की भलाई और विकास के लिए राष्ट्र भावना से काम करने की जरूरत है। मोहन भागवत ने आह्वान किया कि भारत में रहने वाला हर कोई आरएसएस के स्वयंसेवक की तरह व्यवहार करे। उन्होंने कहा कि भारत सबके कल्याण की बात करता है और यहां का धर्म, मानव धर्म है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारी मातृभूमि ने हमें ये संस्कार और स्वभाव दिया है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ और राजनीतिक दलों के बीच भेद बताते हुए का कि संघ मे पैर छूना, फोटोग्राफी और ऑटोग्राफ नहीं लिए जाते। उन्होंने कहा कि संघ की ताकत तन, मन और धन है। हमें समाज का काम करना है। हम महिलाओं को मातृशक्ति के तौर पर देखते हैं। उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं को नसीहत दी और कहा कि हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि हम दूसरे के धन को मिट्टी की तरह देखें। चाहे कुछ भी हो, संघ का काम कभी नहीं छोड़ना चाहिए और हमेशा सोचना चाहिए कि आगे बढ़ते जाने की जरूरत है।