नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के नेता इंद्रेश कुमार ने जबरन या लालच देकर धर्मांतरण कराने के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने इस बारे में कर्नाटक सरकार के कानून लाने के कदम का स्वागत किया है। इंद्रेश कुमार ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि धर्मांतरण से समाज में संघर्ष होता है। इससे देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ती है। उन्होंने कहा कि लव जेहाद को रोकने के लिए कर्नाटक सरकार की कानून बनाने की योजना का वो समर्थन करते हैं। इंद्रेश कुमार आरएसएस के संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक और संरक्षक भी हैं। इंद्रेश कुमार के प्रयासों की वजह से तमाम मुसलमान संघ और बीजेपी से भी जुड़े हैं। बता दें कि 2014 और 2019 के आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में तमाम मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया था।
इंद्रेश कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि धर्म बदलने की इच्छा रखने वाला शख्स अपने मूल धर्म और आरक्षण समेत तमाम लाभ खो देता है। हालांकि, उसे उस धर्म के लाभ हासिल होते हैं, जिसमें वो जाता है। ये पूछने पर कि क्या इस तरह के कानून की जरूरत है, इंद्रेश कुमार ने कहा कि जब कोई अपनी पहचान यानी धर्म को छिपाता है और किसी लड़की को प्यार के बहाने धोखा देकर फंसाता और शादी करता है और फिर उससे हिंसा करता है, तो ये लव जेहाद ही तो है। उन्होंने ऐसे कई उदाहरण दिए, जिनमें हिंदू लड़कियों से पहचान छिपाकर शादी की गई और उन्हें मार दिया गया। इंद्रेश कुमार ने कहा कि लव जेहाद मानवीय रिश्तों का दुश्मन है। जब लोग इस तरह की अमानवीय गतिविधियों में लिप्त होना बंद नहीं करेंगे, तो कानून बनाना होगा।
बता दें कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने विधानसभा के मौजूदा सत्र में धर्मांतरण विरोधी बिल पेश करने का इरादा किया है। कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री वी सुनील कुमार ने 13 दिसंबर को कहा था कि आने वाले दिनों में ‘लव जिहाद’ पर रोक लगाने वाला कानून भी लाया जाएगा। कर्नाटक सरकार के प्रस्तावित बिल में इसके लिए कड़े दंड का प्रावधान है। कानून के बारे में बताया जा रहा है कि इसमें ये प्रावधान किया गया है कि अगर किसी को धर्म बदलना है, तो उसे दो महीने पहले डिप्टी कलेक्टर के पास एप्लीकेशन देनी होगी। इससे पहले यूपी की योगी सरकार ने लव जेहाद के खिलाफ कानून पास किया था और कई आरोपियों को इस कानून के तहत गिरफ्तार भी किया गया है।