
नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद में अतिउत्साहित कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस की इस हार का असर अब इंडिया गठबंधन पर भी पड़ा है। इंडिया गठबंधन में शामिल महाराष्ट्र की शिवसेना (यूबीटी) पार्टी के नेता संजय राउत ने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं राउत ने बीजेपी की प्रशंसा भी की है। राउत ने कहा, बीजेपी को मानना पड़ेगा, उसने हारी हुई बाजी जीती है। उधर, आम आदमी पार्टी ने भी गठबंधन न करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है।
Mumbai: Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, “…In Haryana, there was no INDI Alliance. The Congress believed that if they could win on their own strength, they didn’t need anyone else in power. Our friend Bhupinder Singh Hooda, the leader of Congress, thought that they would… pic.twitter.com/Ffn4kMrEHg
— IANS (@ians_india) October 9, 2024
राउत ने कहा कि हरियाणा में इंडिया गठबंधन नहीं बन पाया क्योंकि कांग्रेस को लगता था कि वो अपनी ताकत से अकेले दम पर जीत जाएगी। कांग्रेस के जो नेता हैं भूपेंद्र हुड्डा उन्हें लगा कि वे ही जीतेंगे, उनको सत्ता में कोई और भागीदार नहीं चाहिए था। हुड्डा का अतिआत्म विश्वास ही कांग्रेस को ले डूबा। शिवसेना नेता ने बीजेपी की तारीफ करते हुए कहा, मैं मानता हूं कि बीजेपी ने जो चुनाव लड़ा है वो बहुत ही बेहतरीन तरीके से लड़ा है। हारी हुई बाजी बीजेपी ने जीत ली है ये मानना पड़ेगा। राउत बोले, कांग्रेस तो जीत रही थी, देश में कोई ऐसा नहीं कह रहा था कि बीजेपी आ रही है लेकिन बीजेपी आ गई, बीजेपी को मानना पड़ेगा।
#WATCH दिल्ली: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर AAP नेता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “अगर हरियाणा में गठबंधन हो जाता तो नतीजे कुछ और ही होते. गठबंधन का सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को ही होता। हमने बहुत प्रयास किया था कि हरियाणा में गठबंधन हो जाए लेकिन… pic.twitter.com/3PIfmxWzvO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 9, 2024
दूसरी तरफ, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, अगर हरियाणा में कांग्रेस और आप का गठबंधन हो जाता तो नतीजे कुछ और ही होते। गठबंधन का सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को ही होता। हमने बहुत प्रयास किया था कि हरियाणा में गठबंधन हो जाए लेकिन अति-आत्मविश्वास से भरी कांग्रेस को ये ठीक नहीं लगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस को उचित नहीं लगा कि ऐसे गठबंधन सहयोगी दलों को वे साथ लेकर चलें।