नई दिल्ली। रूस अब यूक्रेन पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए तैयार हो चुका है। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे के लिए निकल चुकी है, और अगर आप उस सेना कि संख्या जानेंगे तो हतप्रभ रह जाएंगे। 64 किलोमीटर..जी हां, पूरे 64 किलोमीटर लंबी सेना रूस ने कीव पर कब्जे के लिए भेजा है, जिसको मील (MILE) में मापा जाए तो 40 मील होगा। रूस द्वारा यूक्रेन के शहरों पर भीषण बमबारी जारी है, और यूक्रेन भी अपेक्षाकृत कम लेकिन जवाबी कार्रवाई तो कर ही रहा है। कुछ दिन पहले तक यूक्रेन के समर्थन में बतकही करने वाले पश्चिमी देश हालांकि यूक्रेन को हथियारों से मदद कर रहे है, लेकिन रूस के मनोभावों को देखते कोई भी देश सामने से आने में हिचकिचा रहा है। इन देशों के अपने खिलाफ लामबंदी को देखते हुए रूस द्वारा अपने परमाणु सेना को अलर्ट मोड पर रखने से पूरे विश्व में एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गरम हो चुका है। इन्हीं सब घटनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भी आज एक सख्त और अनिवार्य एडवाइजरी उन भारतीय लोगों के लिए जारी की है, जो फिलहाल यूक्रेन में जमें हुए हैं। आइए जानते हैं क्या है वो एडवाइजरी जिसे जानना आपके लिए भी महत्वपूर्ण हैं..
Advisory to Indians in Kyiv
All Indian nationals including students are advised to leave Kyiv urgently today. Preferably by available trains or through any other means available.
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) March 1, 2022
किसी भी तरह, कैसे भी आज ही छोड़े कीव- भारतीय दूतावास
रूस-यूक्रेन संकट की गंभीरता को देखते हुए भारतीय दूतावास ने कीव में मौजूद भारतीय छात्रों और लोगों के लिए एक सख्त एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि,- ‘छात्र समेत सभी भारतीय लोग आज ही अनिवार्यत: कीव छोड़ दें, ट्रेन या जो भी यातायात का साधन मिलता है उसे पकड़कर आज ही अनिवार्य से कीव से प्रस्थान करें।’ गौरतलब है कि रूस द्वारा यूक्रेन पर और कहर ढाये जाने की आशंका को बल मिल रहा है, क्योंकि रूस ने कीव के लिए 64 किलोमीटर लंबी सेना को प्रस्थान करने का आदेश दिया है।
‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन से 4000 के करीब लौट चुके हैं भारतीय
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा यूक्रेन से भारतीय लोगों को लाने के अभियान को ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया गया है। इसके तहत युद्धग्रस्त क्षेत्र से लोगों को लाने का क्रम जारी है। विदित हो कि युद्ध शुरू होने से पहले करीब 20000 की संख्या में भारतीय छात्र और लोग यूक्रेन में फंसे हुए थें। हालांकि, युद्ध शुरू होने के बाद से लोगों को वहां से लगातार निकालने का काम जारी है, और अब तक मिली जानकारी के अनुसार करीब 4000 की संख्या में भारतीय लोगों को लाया जा चुका है, जिसमें अधिकांश मेडिकल छात्र भी शामिल है। पीएम मोदी के नेतृत्व में इस अभियान को क्रियान्वित किया जा रहा है। खबर ये भी आई है कि नरेंद्र मोदी ने वायु सेना को भी आदेश दिया है कि वे इस मिशन से जुड़ें।
चार मंत्रियों को भी दी गई जिम्मेवारी
बता दें कि युद्ध की हालात की वजह से भारतीयों को फिलहाल यूक्रेन के पड़ोसी देशों की मदद से उनकी सीमाओं के रास्ते निकाला जा रहा है। मोदी सरकार ने इस काम को और तेजी से करने के लिए सोमवार को चार मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी थी, जिसमें किरेन रिजिजू स्लोवाकिया जा रहे हैं, वीके सिंह पोलैंड जाएंगे। वहीं,ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोलदोवा जाएंगे और हरदीप सिंह पुरी हंगरी रवाना होंगे।