कहीं एक बार फिर तो पार्टी से नाराज नहीं हैं सचिन पायलट, 7 साल में पहली बार कांग्रेस स्थापना दिवस पर नहीं आए कार्यालय
Rajasthan: सचिन पायलट(Sachin Pilot) के दिल्ली(Delhi) पहुंचने को लेकर सूत्रों का कहना है कि वे मंत्रिमंडल, प्रदेश कार्यकारिणी और राजनीतिक नियुक्तियों में अपने समर्थकों की सम्मानजनक भागीदारी चाहते हैं।
नई दिल्ली। कांग्रेस इस साल में बीते कुछ चुनावों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई तो वहीं पार्टी के भीतर भी रार की स्थिति से हालत चिंताजनक बनी हुई है। बता दें कि जब कांग्रेस के पास मौका है कि किसान प्रदर्शन को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हो सकती है तो ऐसे में कांग्रेस के युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी छुट्टी मनाने इटली चले जाते हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस के स्थापना दिवस पर भी राहुल गांधी नदारद रहे। इसके अलावा पार्टी की हालत और खराब करने की खबरें सामने आई हैं। गौरतलब है कि राजस्थान में सचिन पायलट भी एक बार फिर से नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल कांग्रेस के स्थापना दिवस पर सचिन पायलट की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है। बता दें कि सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यक्रम में पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट (Sachin Pilot) पार्टी कार्यालय नहीं पहुंचे। सियासत में इस मामले को बीते कुछ महीने पहले सियासी घटनाक्रम से भी जोड़कर भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि पायलट फिर से नाराज हो गए हैं।
गौरतलब है कि साल 2014 के बाद यह पहला ऐसा कांग्रेस स्थापना दिवस था जब सचिन पायलट राजस्थान में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नही थे। स्थापना दिवस पर सचिन पायलट के आने को लेकर जानकारी मिली है कि वे जयपुर में ही नहीं थे। इस वजह से कांग्रेस स्थापना दिवस पर हुए कार्यक्रम और तिरंगा यात्रा में शामिल नहीं हुए। हालांकि दिल्ली स्थित एआईसीसी मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में पायलट शामिल हुए थे। इसके पीछे कई राजनीतिक कारण बताये जा रहे हैं, लेकिन सियासी गलियारों में पायलट की जयपुर के कार्यक्रम से दूरी के खासे चर्चे हैं।
सचिन पायलट के दिल्ली पहुंचने को लेकर सूत्रों का कहना है कि वे मंत्रिमंडल, प्रदेश कार्यकारिणी और राजनीतिक नियुक्तियों में अपने समर्थकों की सम्मानजनक भागीदारी चाहते हैं। ऐसे में उन्होंने दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात कर प्रदेश कार्यकारिणी और अन्य राजनीतिक मसलों पर चर्चा की।
ज्ञात हो कि राजस्थान में कांग्रेस सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत खेमें बंटी हुई है। कुछ महीनें पहले दोनों खेमों में तनाव भी देखने को मिला। उसके बाद पायलट कैम्प की मांगों के समाधान के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी की रिपोर्ट का अभी तक सभी को इंतजार है।