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Pilot Vs Gehlot: आज से अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट की नई जंग, अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा शुरू करेंगे

सचिन पायलट ने मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत पर संगीन आरोप लगाया था। सचिन ने कहा था कि गहलोत के बयान सुनकर लगता है कि वो सोनिया गांधी के बदले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को अपना नेता मानते हैं। अशोक गहलोत ने बीते दिनों वसुंधरा राजे की खूब तारीफ की थी। गहलोत ने कहा था कि वसुंधरा ने उनकी सरकार बचाई।

अजमेर। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव हैं और कांग्रेस में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की जंग तेज हो रही है। इससे कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ने के आसार हैं। सचिन पायलट लगातार अशोक गहलोत के खिलाफ अपना मोर्चा तेज करते जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब सचिन पायलट आज से 15 मई तक एक पदयात्रा निकालने जा रहे हैं। सचिन पायलट की पदयात्रा अजमेर से जयपुर तक होगी। सचिन पायलट ने पदयात्रा के लिए राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (आरपीएससी) के पेपर लीक मामलों को मुद्दा बनाया है। अजमेर से जयपुर की दूरी करीब 125 किलोमीटर है। अब सबकी नजर इस पर है कि सचिन पायलट की पदयात्रा में कांग्रेस से कौन-कौन साथ देता है। सचिन पायलट ने अपनी पदयात्रा का जो पोस्टर जारी किया है, उसमें खास बात है कि महात्मा गांधी, आंबेडकर, भगत सिंह, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के साथ सोनिया गांधी की फोटो लगाई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी इस पोस्टर में नहीं हैं।

sachin pilot
सचिन पायलट के पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की फोटो नहीं। सिर्फ सोनिया को दी है जगह।

इससे पहले सचिन पायलट ने मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत पर संगीन आरोप लगाया था। सचिन ने कहा था कि गहलोत के बयान सुनकर लगता है कि वो सोनिया गांधी के बदले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को अपना नेता मानते हैं। अशोक गहलोत ने बीते दिनों वसुंधरा राजे की खूब तारीफ की थी। सरकारी कार्यक्रम में गहलोत ने कहा था कि बीजेपी नेतृत्व ने उनकी सरकार गिराने के लिए बागी विधायकों को 10-20 करोड़ दे दिए थे, लेकिन वसुंधरा राजे की मदद से सरकार बच गई। इसी बयान को आधार बनाकर सचिन पायलट ने गहलोत पर तगड़ा निशाना साधा है और संकेतों में उनको कांग्रेस विरोधी बताने की कोशिश की थी।

sachin pilot protest

सचिन पायलट इससे पहले वसुंधरा राजे की सत्ता के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई न करने को मुद्दा बनाकर जयपुर में अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिन के अनशन पर भी बैठे थे। तब राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि तक कह दिया था, लेकिन चुनावी साल होने के कारण सचिन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सचिन पायलट को इससे पहले गहलोत ने नाकारा, बड़ा वाला कोरोना और गद्दार तक कहा था। सचिन पायलट और गहलोत के बीच जंग की वजह ये है कि 2020 में पायलट के नेतृत्व में 19 विधायकों ने बागी तेवर दिखाए थे। तब कांग्रेस आलाकमान को इन्हें मनाने में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।