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Chattisgarh: कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की स्कूली किताब में संत को बताया गया ‘कपटी’! भड़के शंकराचार्य, लोगों से बोले- कीजिए विरोध
जिस पाठ में संत को कपटी बताया गया है, उसके लेखक का नाम जाकिर अली ‘रजनीश’ हैं। हिंदी-छत्तीसगढ़ी-संस्कृत विषय की किताब के पाठ संख्या 25 के पेज 130 और 131 में ‘चमत्कार’ नाम की कहानी है। उसी में संत को कपटी बताया गया है।
कवर्धा। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में नया विवाद पैदा हो गया है। यहां सरकारी स्कूल की किताब के एक पाठ में संत को कपटी बताया गया है। इसकी जानकारी मिलने पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भड़क गए। उन्होंने किताब का वो पाठ फाड़ डाला और आम लोगों से भी इसका विरोध करने का आह्वान किया। मीडिया की खबरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड की ये किताब 5वीं कक्षा में पढ़ाई जाती है। जिस पाठ में संत को कपटी बताया गया है, उसके लेखक का नाम जाकिर अली ‘रजनीश’ हैं। हिंदी-छत्तीसगढ़ी-संस्कृत विषय की किताब के पाठ संख्या 25 के पेज 130 और 131 में ‘चमत्कार’ नाम की कहानी है। उसी में संत को कपटी बताया गया है।
शंकराचार्य आजकल कवर्धा में हैं। वो दो दिन के दौरे पर आए हैं। जुनवानी गांव में वो संत समागम कर रहे थे। उसी वक्त किसी भक्त ने मंच पर उनको किताब का पाठ दिखाया। पाठ में संत को कपटी लिखे जाने की बात देखते ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भड़क गए। उन्होंने पाठ को फाड़कर फेंक दिया। पाठ को फाड़ने के बाद उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के खिलाफ इसे मैं साजिश मान रहा हूं। सबके सामने हम लोगों को साक्षी बनाकर किताब के पाठ को फाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका लिखित विरोध कीजिए। अगर ये किताब पढ़ाई जा रही है, तो हम अपने बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे।
किताब के ‘चमत्कार’ वाले पाठ में साधु के वेश में शख्स को कपटी बताया गया है। इसमें भगवाधारी साधुओं की तस्वीर को भी दिखाया गया है। किताब में लिखा है कि साधु वेशधारी ठगों के बारे में कक्षा में चर्चा करें। कुल मिलाकर अब छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के लिए किताब का ये पाठ गले की हड्डी बन सकता है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के हजारों शिष्य हैं। छत्तीसगढ़ में भी उनके शिष्यों की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में किताब के पाठ का विरोध बड़े आंदोलन का रूप भी ले सकता है।