लखनऊ। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिल में दलितों के लिए कितना सम्मान है, ये उजागर हो गया है। दलित नेता चंद्रशेखर को अखिलेश ने उनकी मांगी गई सीटें देने से साफ मना कर दिया। चंद्रशेखर ने कई बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर गठबंधन करने के बारे में बात की थी। सूत्रों के मुताबिक चंद्रशेखर 13 सीटें मांग रहे थे, लेकिन अखिलेश उन्हें 3 सीटें दे रहे थे और कहा था कि इनमें से 2 पर सपा के ही उम्मीदवार लड़ेंगे। इस पर दोनों के बीच बात बन नहीं सकी। माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में अब चंद्रशेखर अलग से अपने उम्मीदवार उतारेंगे और इससे सपा और बीएसपी के वोट बैंक में दरार पड़ सकती है। चंद्रशेखर के इस कदम से बीजेपी में जरूर खुशी के लड्डू फूट रहे होंगे।
चंद्रशेखर ने इससे पहले सपा के साथ गए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यानी सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से भी कई राउंड की बातचीत की थी, लेकिन उस वक्त भी इनके बीच सीटों के तालमेल का मसला हल नहीं हो सका था। अब बातचीत फाइनल न होने के बाद चंद्रशेखर की ओर से अगले कदम पर सपा के साथ ही बीएसपी और आरएलडी को भी पश्चिमी यूपी में झटके लगने के आसार दिख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अब चंद्रशेखर दलित बहुल सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार खड़े कर विपक्षियों को सीधी चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।
चंद्रशेखर ने इससे पहले बीजेपी के खिलाफ भी कई बार मोर्चा खोला है। बीजेपी के खिलाफ वो मुखर रहे हैं। चंद्रशेखर ने पिछले साल लखनऊ में एक बड़ा प्रदर्शन भी किया था। बीएसपी सुप्रीमो मायावती को वो बुआ कहते हैं, लेकिन उनके खिलाफ भी चंद्रशेखर लगातार बयान देते रहते हैं। चंद्रशेखर का ये कहना है कि मायावती ने दलितों को छला है और इस वजह से उन्हें भीम आर्मी बनानी पड़ी। कांग्रेस के नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल से उनकी करीबी है। ऐसे में देखना ये है कि चंद्रशेखर क्या कांग्रेस से गठजोड़ कर यूपी के चुनावों में उतरते हैं या अलग राह पर चलने का फैसला लेते हैं।