नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों में एक मुकेश सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी है। जिससे अब ये तय हो गया है कि मुकेश को हर हाल में फांसी लगेगी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोई सबूत नहीं है कि प्रासंगिक दस्तावेज राष्ट्रपति के सामने नहीं रखे गए थे। मुकेश ने अपनी दया याचिका खारिज करने के लिए खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।
मंगलवार को मुकेश की वकील अंजना प्रकाश ने कहा था कि राष्ट्रपति के सामने कई दस्तावेज नहीं रखे गए थे, इसलिए दया याचिका खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए। अपनी वकील के जरिए मुकेश ने कहा था कि उसका जेल में यौन उत्पीड़न हुआ था और उसके भाई राम सिंह की हत्या की गई थी।
Supreme Court dismisses petition (of 2012 Delhi gangrape convict Mukesh) and says there is no merit in the contention, alleged torture can’t be a ground, all documents were placed before the President & he had taken them into consideration. pic.twitter.com/1C9dFrZrlE
— ANI (@ANI) January 29, 2020
इस मामले में बुधवार को फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने खुद को संतुष्ट करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजे गए सारे दस्तावेजों को देखा। गृह मंत्रालय ने सारे दस्तावेज भेजे थे। मुकेश की याचिका में कोई मेरिट नहीं है। जेल में प्रताड़ना दया के लिए कोई आधार नहीं है। इसके बाद मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया गया।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद मुकेश के पास अब कोई कानूनी विकल्प शेष बचा नहीं रह जाता। एक नागरिक के रूप में उसके सारे कानूनी अधिकार खत्म हो गए हैं।