
नई दिल्ली। दिल्ली के बेहद चर्चित लाजपत नगर मार्केट बम विस्फोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन लोगों को बम विस्फोट कराने और भारत के खिलाफ साजिश रचने का दोषी पाया गया था। लाजपत नगर में हुई इस दुखद घटना में 13 लोगों की जान चली गई और 38 लोग घायल हो गए। घटना के 27 साल बाद अदालत का फैसला आया, जिससे लंबे समय से लंबित मामले का निपटारा हो गया।
आपको बता दें कि लाजपत नगर बाजार में बम विस्फोट की घटना 21 मई 1996 को हुई थी। ट्रायल कोर्ट ने इससे पहले करीब 13 साल पहले 22 अप्रैल 2010 को दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद, इस मामले की विभिन्न अदालतों में कई सुनवाई हुईं। अब सुप्रीम कोर्ट ने बिना किसी नरमी के उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। अदालत ने कहा कि अगर आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं तो उन्हें तुरंत संबंधित अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। साथ ही उनके जमानत बांड भी रद्द कर दिये गये हैं। कार्यवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे में देरी पर असंतोष व्यक्त किया और विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और आम नागरिक के कल्याण से संबंधित मामलों में त्वरित सुनवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
लाजपत नगर मार्केट बम विस्फोट मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाया गया फैसला पीड़ितों के परिवारों और पूरे देश के लिए न्याय होने की भावना मजबूत करता है। यह उन लोगों के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में कार्य करेगा है जो भारत की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करना चाहते हैं। यह फैसला अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश की प्रतिबद्धता को दोहराता है और एक मजबूत न्यायिक प्रणाली के महत्व को मजबूत करता है।