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मप्र कांग्रेस के गायब विधायकों को बेंगलुरु ढूंढने पहुंचे जीतू पटवारी के साथ देखिए क्या हुआ…

मध्य प्रदेश में जारी उठा-पटक के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने गए मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ बेंगलुरु पुलिस ने धक्का-मुक्की कर दोनों को हिरासत में ले लिया।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में जारी उठापटक के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने गए मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ बेंगलुरु पुलिस ने धक्का-मुक्की कर दोनों को हिरासत में ले लिया। उनके साथ बागी विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण चौधरी भी थे। पुलिस ने उनसे भी बुरा बर्ताव किया।

दरअसल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हमारे दो मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह बेंगलुरु गए हैं। उनके साथ मारपीट की गई तथा हमारे मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है। यदि पुलिस कार्रवाई नहीं करती है और हमारे मंत्रियों और विधायकों को रिहा नहीं करती है, तो हमें इसे अदालत में ले जाएंगे। बता दें कि ये आरोप पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह , पीसी शर्मा व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने लगाया है।

आपको बता दें, पीसीसी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विवेक तन्खा ने कहा- “जीतू पटवारी और लाखन सिंह हमारे मंत्री हैं। वह मनोज चौधरी से मिलने पहुंचे। जीतू पटवारी मनोज चौधरी के रिश्तेदार हैं और मनोज चौधरी उनके साथ आना चाहते हैं, लेकिन जीतू पटवारी के साथ मारपीट की गई है, इसके बाद जीतू पटवारी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। अगर बेंगलुरु पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं करती (जिन्होंने मंत्रियों जीतू पटवारी व लाखन सिंह के साथ बुरा बर्ताव) है तो हमें कोर्ट जाना पड़ेगा।

इसके साथ ही तन्खा ने कहा प्रजातंत्र पर इतना बड़ा हमला पहले कभी नहीं हुआ है। मप्र में कभी खरीद-फरोख्त नहीं की गई लेकिन यहां के विधायकों के साथ भी खरीद-फरोख्त की गई है। आज प्रजातंत्र को खतरा किससे है, कांग्रेस से या बीजेपी से है।” इसके बाद तन्खा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को वो वीडियो भी दिखाए, जिसमें जीतू पटवारी के साथ पुलिस धक्का मुक्की कर रही है और उन्हें अपने साथ जबरन बस पर बिठा रही है।

इतना ही नहीं कांग्रेस के नेताओं का दावा है- मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह ने 9-10 विधायकों से संपर्क कर लिया था, लेकिन ऐन वक्त पर भाजपा को इसकी जानकारी हो गई। राज्यसभा सांसद तन्खा ने आरोप लगाया- विधायक मनोज चौधरी पर भाजपा ने दबाव बनाया हुआ है। उन्हें अपने पिता से मिलने तक नहीं दिया जा रहा है।