नई दिल्ली। देश में महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य जहां से कोरोना के मामले सबसे अधिक आ रहे हैं। ऐसे में राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ने 1 मई तक सख्त कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है। इन हालात को देखते हुए महाराष्ट्र से कई प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौट रहे हैं। इस स्थिति में महाराष्ट्र पुलिस पर एक गंभीर आरोप लगा है। घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों में से एक ने राज्य पुलिस पर आरोप लगाया है कि, उन्होंने मजदूरों से अवैध वसूली की। दरअसल महाराष्ट्र में जिस तरह से कोरोना के चलते पाबंदियां बढ़ी है, उसको देखते हुए एक बार फिर से पिछले साल जैसे हालात पैदा हो गए हैं। दूसरे राज्यों से आए लोग अपने घरों को लौटने शुरू हो गए हैं। इस हालात में लोग घर जाने के लिए बसों में 2500 से लेकर 3000 रुपये तक अदा कर रहे हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र से यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड आदि प्रदेशों के प्रवासी मजदूर वापस लौटने लगे हैं और बसों, ट्रेनों आदि में भीड़ बढ़ गई है। इस बीच महाराष्ट्र पुलिस पर कुछ मजदूरों ने अवैध वसूली का आरोप भी लगाया है। मजदूरों की शिकायत है कि महाराष्ट्र की सीमा पर पुलिस ने इन्हें जबरन बसों से उतार कर जीप में बिठा दिया। इसके बाद ही उन्हें आगे जाने दिया गया। मजदूरों का कहना है कि, उन्होंने बस टिकट के लिए 2500 से 3000 रुपये तक चुकाये थे। फिलहाल पुलिस पर लगे इस आरोप में कितनी सच्चाई है, इसकी पड़ताल होनी बाकी है।
ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आखिर महाराष्ट्र की पुलिस किस तरह से कोरोना के हालात में मजदूरों से निपट रही है। लोगों का सवाल है कि क्या पुलिस कोरोना में कमाई का जरिया खोज रही है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर मांग की गई है, उद्धव ठाकरे को इस मामले में दखल देना चाहिए और सख्त कदम उठाने चाहिए।