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Severe Pollution In Delhi: एक तरफ हवा बहुत जहरीली दूसरी ओर यमुना में झाग, गंभीर प्रदूषण से बचने के लिए कहां जाएं दिल्ली औरआसपास रहने वाले!

Severe Pollution In Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। आज सुबह 6 बजे दिल्ली में 14 जगह वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 450 से ऊपर दर्ज किया गया। वहीं, दिल्ली से होकर बहने वाली यमुना नदी में अब भी जहरीला झाग आना जारी है। यानी देश की राजधानी में चौतरफा प्रदूषण का कहर है।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। आज सुबह 6 बजे दिल्ली में 14 जगह वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 450 से ऊपर दर्ज किया गया। दिल्ली के जहांगीरपुरी में तो एक्यूआई 606 दर्ज किया गया। दिल्ली के आसपास के शहरों में भी हवा की गुणवत्ता काफी खराब है। वहीं, कोहरा के कारण कोढ़ में खाज जैसी हालत है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की रफ्तार बहुत कम है। ऐसे में फिलहाल इन सभी जगह गंभीर वायु प्रदूषण से राहत के फिलहाल आसार नहीं दिख रहे हैं। शुक्रवार से हवा तेज हो सकती है और फिर धीरे-धीरे जहरीली हवा के दंश से दिल्ली और आसपास के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। दिल्ली की हवा जहरीली होने का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है। दिल्ली के वायु प्रदूषण में गाड़ियों से निकलने वाले धुएं का हिस्सा करीब 13 फीसदी है। वहीं, दिल्ली से होकर बहने वाली यमुना में भी जहरीला झाग आना जारी है।

दिल्ली और आसपास के इलाकों में हर साल दिवाली से ठीक पहले वायु प्रदूषण बढ़ना शुरू होता है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में किसानों की ओर से पराली जलाए जाने के कारण प्रदूषण बढ़ता है। पराली और गाड़ियों के धुएं में शामिल हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे कण भी बढ़ते हैं और ये लोगों को सांस संबंधी दिक्कतें देते हैं। दिल्ली में कई राज्यों की डीजल बसें और ट्रक भी आते हैं। इनके धुएं से भी प्रदूषण में इजाफा होता है। इस बार हालत ये है कि ग्रैप-2 के नियम लागू करने के बावजूद दिल्ली और आसपास वायु प्रदूषण कम होता नहीं दिख रहा है।

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट तक नाराजगी जता चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर पूरी तरह रोक के आदेश दिए हैं, लेकिन इस साल भी पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की तमाम घटनाएं हुई हैं। पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में अलबत्ता कमी है, लेकिन फिर भी इनकी तादाद हजारों में है। अकेले पंजाब में ही नवंबर के पहले हफ्ते तक पराली जलाने की 6000 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी थीं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद पराली जलाने पर लगने वाले जुर्माने को भी बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। अब खेत के क्षेत्रफल के हिसाब से किसान को 5000 से 30000 तक जुर्माना देना होगा।