नई दिल्ली। भतीजे अजित पवार से एनसीपी का चुनाव चिन्ह घड़ी छीनने के लिए उनके चाचा शरद पवार ने नया दांव चला है। एनसीपी के शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर अपील की है कि पार्टी के दोनों गुटों को नया चुनाव चिन्ह दिया जाए। महाराष्ट्र में इस साल नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि शरद पवार गुट की कोशिश है कि इससे पहले किसी तरह अजित पवार गुट से एनसीपी का चुनाव चिन्ह छीन लिया जाए। ताकि वो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जनता के बीच ये कहकर न जा सकें कि असली एनसीपी उनके ही पास है।
एनसीपी के दोनों गुटों को नया चुनाव चिन्ह दिए जाने की अपील वाली याचिका शरद पवार गुट की तरफ से कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दाखिल की है। सिंघवी ने याचिका दाखिल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट से इस पर तत्काल सुनवाई की मांग भी की। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने इस पर 25 सितंबर की तारीख भी दे दी है। एनसीपी के दोनों गुटों के लिए नया चुनाव चिन्ह दिए जाने की याचिका पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब तक ये तय नहीं हो जाता कि अजित पवार और शरद पवार में से एनसीपी किसकी है, उस वक्त तक दोनों गुटों को नया चुनाव चिन्ह दिया जाना चाहिए।
इस मामले में अहम बात ये है कि चुनाव आयोग ने शरद पवार और अजित पवार की तरफ से विधायकों और सांसदों के समर्थन की चिट्ठियां देखने के बाद अजित पवार के गुट को असली एनसीपी माना था और उनको घड़ी का चुनाव चिन्ह देने का फैसला दिया था। चुनाव आयोग के इस फैसले को पहले ही शरद पवार के गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। अगर सुप्रीम कोर्ट शरद पवार गुट की याचिका पर एनसीपी के दोनों गुटों को नया चुनाव चिन्ह देने का आदेश देता है, तो इससे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार गुट के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। साथ ही अगर एनसीपी के दो गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह देने के पक्ष में कोर्ट का फैसला आया, तो उद्धव ठाकरे भी ऐसी ही याचिका दाखिल कर एकनाथ शिंदे गुट से शिवसेना का चुनाव चिन्ह तीर-कमान वापस लेकर नया चुनाव चिन्ह देने की अपील कर सकते हैं। ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट को भी दिक्कत में पड़ना होगा।