नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कई सीरीज के सियासी बवाल के बाद अब शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हो चुके हैं। यह उनके लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है। जिस तरह से उन्होंने कद्दावर नेताओं की फेहरिस्त में शुमार उद्धव ठाकरे को पार्टी में साइड लाइन किया है, वैसा कोई हिम्मत वाला ही करता है और ऐसा करके उन्होंने यह साफ कर दिया है कि पार्टी से ऊपर हमेशा ही हमारी विचारधारा रही है, थी और हमेशा रहेगी, लेकिन अब आपको बता दें कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने के बाद शिंदे अब एक्शन मोड में आ चुके हैं। लगातार कई ऐसे खुलासे कर रहे हैं, जो कि आपको बतौर पाठक हैरान कर सकते हैं। अब इसी कड़ी में उन्होंने एक ऐसा ही खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मुझे कभी सीएम पद का लालच नहीं रहा था। और ना ही है।
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने में कामयाब रहूंगा, क्योंकि मेरे पाले में महज 50 विधायक ही थे, जो मुख्यमंत्री बनने के लिए ही नहीं, बल्कि सरकार बनाने के लिए भी अपर्याप्त हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने बड़ा दिल दिखाते हुए मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मुझे सौंपी थी। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के पाले में मौजूदा वक्त में 115 विधायक हैं, लेकिन इसके बावजूद भी बीजेपी ने मुझ पर भरोसा जताया है, जिसके लिए मैं पार्टी के आलाकमान का आभारी रहूंगा।
इसके अलावा उन्होंने शिवसेना में छिड़ी सियासी बगावत के संदर्भ में कहा कि यह मेरे जैसे आम कार्यकर्ता के लिए बहुत बड़ी बात थी, जो कि आनंद दिघे और बालासाहब ठाकरे के विचारों के प्रति समर्पित था। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि आज बालासाहब ठाकरे का कोई शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहा था। गौरतलब है कि बीते दिनों में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के कई नेताओं ने बागी नेताओं उद्धव ठाकरे के खिलाफ बिगुल फूंकने का मन बना लिया था, यह उसी का परिणाम है कि आज एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने में कामयाब रहेंगे।