UP Politics: शिवपाल यादव ने भगवाधारी होने के दिए संकेत!, उठाया ये बड़ा कदम
UP Politics: ऐसे में शिवपाल सिंह द्वारा अपनी पार्टी की सभी इकाईयों को भंग करने पर काफी अहम माना जा रहा है। एक तरफ जहां शिवपाल यादव ने बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। जिसके बाद कयास का दौर शुरू हो गया था कि शिवपाल यादव के भाजपा में शामिल होने की उम्मीद लगाए जा रहे थे।

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच कई दिनों से नाराजगी की खबरें सामने आ रही है। वहीं विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद अखिलेश यादव पर पार्टी के ही कई नेता निशाना साध रहे है। इसके साथ ही चुनावी परिणाम आने के बाद से शिवपाल सिंह अखिलेश के बीच लगातार अनबन की खबरें भी सामने आई है। वहीं अब चाचा शिवपाल ने भतीजे अखिलेश यादव को गच्चा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। शिवपाल यादव ने भगवाधारी होने के संकेत दिए है। दरअसल, शुक्रवार को शिवपाल सिंह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की सभी इकाईयों को भंग कर दिया है। पार्टी की तरफ से इसे लेकर एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई है।
पार्टी के महासचिव और आदित्य यादव की ओर से जारी आदेश में लिखा गया है, ”प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के निर्देशानुसार प्रदेश कार्यकारिणी एवं राष्ट्रीय/प्रादेशिक प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी अध्यक्ष सहित संपूर्ण प्रवक्ता मंडल (कार्यवाहक मुख्य प्रवक्ता सहित ) को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है।”
Shivpal Singh Yadav’s Pragatisheel Samajwadi Party (Lohia) dissolved all its state working committees, national and state working cells and spokespersons. pic.twitter.com/52Hmk2Mqnf
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 15, 2022
ऐसे में शिवपाल सिंह द्वारा अपनी पार्टी की सभी इकाईयों को भंग करने पर काफी अहम माना जा रहा है। एक तरफ जहां शिवपाल यादव ने बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। जिसके बाद कयास का दौर शुरू हो गया था कि शिवपाल यादव भाजपा में शामिल होने की उम्मीद लगाए जा रहे थे। इसी बीच अब उन्होंने पार्टी की सभी इकाईयों को भंग करके भगवाधारी होने के संकेत दे दिए है। गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव परिणाम में सपा गठबंधन को करारी शिकस्त झेलने पड़ी और 125 विधानसभा सीटें ही जीत सकी।