
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाम लिए बिना भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) अध्यक्ष और राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत पर निशाना साधा है। शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार का विरोध करते-करते कुछ लोगों ने देश का विरोध शुरू कर दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि जिन्होंने बेगुनाहों का खून बहाया और इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनको हम पानी नहीं दे सकते। सुनिए शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा।
#PahalgamTerrorAttack Delhi: Union Minister Shivraj Singh Chouhan says, “Some people, while opposing the government, have started opposing the country. We will not give water to those who have shed the blood of innocents and are responsible for it.” pic.twitter.com/iiNxX0x79t
— ANI (@ANI) April 28, 2025
इससे पहले रविवार को बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने बयान दिया था कि सिंधु नदी समझौते को स्थगित रखना गलत फैसला है। नरेश टिकैत ने कहा था कि समझौता लागू रहना चाहिए। किसान नेता ने कहा था कि पानी बंद करने से पाकिस्तान के किसानों को दिक्कत होगी। नरेश टिकैत का ये बयान पाकिस्तान के पक्ष में है। जो सिंधु जल समझौते को स्थगित किए जाने पर भारत के शहरों में खून बहाने की गीदड़ भभकी दे रहा है। नरेश टिकैत ने जो पानी वाला बयान दिया था, उसे भी सुनिए।
WATCH | Amid #PahalgamTerrorAttack, Naresh Tikait’s Pro-Pakistan Sentiment Surfaces
Naresh Tikait, brother of Rakesh Tikait & President of BKU, said, “..Putting the Indus Waters Treaty in abeyance is a wrong decision. It should remain in force, and water should continue flowing… pic.twitter.com/IN700jnZk3
— Organiser Weekly (@eOrganiser) April 28, 2025
पहलगाम में 26 लोगों के आतंकियों के हाथ नरसंहार के बाद मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। इनके तहत मोदी सरकार ने पाकिस्तान से हुए सिंधु जल समझौते को भी स्थगित कर दिया है। सिंधु जल समझौता 1960 में हुआ था। विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुए सिंधु जल समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु, ब्यास, रावी, झेलम और सतलुज नदियों का पानी बंटता रहा है। पाकिस्तान को ज्यादातर पानी मिलता था। वहीं, भारत कम पानी इस्तेमाल करता था। पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार से जुड़े लोगों का साफ कहना है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता। सिंधु जल समझौता स्थगित करने के बाद पाकिस्तान में किसानों को भारी दिक्कत हो सकती है। साथ ही भारत अब पाकिस्तान को ये भी नहीं बताएगा कि ऊपर जिन नदियों का नाम दिया है, उनमें पानी कब कम और कब ज्यादा हो रहा है। इससे पाकिस्तान में अचानक बाढ़ भी आ सकती है। पाकिस्तान का कहना है कि सिंधु जल समझौते को स्थगित करने से उसे पानी की किल्लत हुई, तो इसे युद्ध का एलान माना जाएगा।