
नई दिल्ली। गैंगस्टर विकास दुबे को उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। विकास को उस समय ढेर किया गया जब वह भागने की कोशिश कर रहा था। वहीं उत्तर प्रदेश के कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस समेत कई पार्टियां जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल दाग रही हैं। इस बीच शिवसेना ने यूपी पुलिस की कार्रवाई का बचाव किया है।
शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि पुलिस के एक्शन पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाना चाहिए। शिवसेना की ओर से कहा गया कि जिन गुंडों ने पुलिस की हत्या की थी, उनपर सवाल उठाना जरूरी है। विकास दुबे का एनकाउंटर लॉ एंड ऑर्डर का सवाल था, उसपर कोई प्रश्नचिन्ह ना लगाए।
आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह यूपी एसटीएफ की टीम जब विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ला रही थी। तब कानपुर के पास गाड़ी पलट गई, उसमें विकास दुबे भी सवार था। विकास दुबे उसके बाद हथियार छीनकर भागने लगा, पुलिस के मुताबिक, उसी वक्त एनकाउंटर में विकास दुबे मारा गया।
गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले पर उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस के एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने विकास दुबे के एनकाउंटर की पूरी कहानी बताई। उन्होंने कहा, पहले विकास दुबे से सरेंडर करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने पुलिसवालों को जान मारने की नियत से फायरिंग की। जिसके बाद बचाव में पुलिस ने उसपर गोली चलाई।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा विकास दुबे को गिरफ्तार किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ पुलिस उसे कानपुर लगा रही थी।कानपुर पहुंचने से पहले पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिसवालों की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम ने उसे घेरकर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया। लेकिन वह नहीं माना और जान से मारने की नियत से पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगा। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की गई, जिसमें वह घायल हो गया। उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।