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Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Case: SC से मुस्लिम पक्ष को झटका, मथुरा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ खटखटाया था शीर्ष अदालत का फैसला

Mathura Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर मथुरा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से शाही मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया।

नई दिल्ली। मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर मथुरा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से शाही मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में किसी भी प्रकार का संशोधन करने से इनकार कर दिया है। अब आगामी 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा।

मथुरा हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया ?

आपको बता दें कि मथुरा हाईकोर्ट ने विभिन्न याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल की गई याचिका को संज्ञान में लेने के बाद मथुरा स्थित शाही ईदगाह का सर्वे कराने की मंजूरी दे दी थी। जिसे विधिक मोर्चे पर हिंदू पक्ष के लिए बड़ी जीत के रूप में रेखांकित किया गया था। हालांकि, यह जीत अभी अधूरी है, क्योंकि सर्वे की प्रक्रिया क्या होगी और इसमें कितने लोग शामिल होंगे। अभी तक इस संदर्भ में कोई फैसला नहीं लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर आगामी 19 दिसंबर को सुनवाई होगी तो आगे का फैसला किया जाएगा। फिलहाल, इतना तय है कि अब अयोध्या की तरह ही मथुरा-काशी सियासी गलियारों में सियासी नुमाइंदों के बीच बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।

क्या है शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद ?

…तो इस विवाद की शुरुआत होती है 1669 में। जब औरंगजेब ने काशी में विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाने का आदेश जारी किया था। इसके बाद 1670 में मथुरा स्थित भगवा केशवदेव मंदिर को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया था। बाद में इन दोनों ही मंदिरों की जगह औरंगजेब ने ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया था।

अब यह पूरा विवाद 13.37 जमीन को लेकर है। सनद रहे कि श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालीकाना हक है। वहीं, ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक ईदगाह मस्जिद के पास है। उधर, अब हिंदू पक्ष का दावा है कि मुस्लिम पक्ष ने इस ढाई एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा करके ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया हुआ है। हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और उसे हिंदू पक्ष को देने की मांग की है। फिलहाल, पूरा मसला कोर्ट में विचाराधीन है, जिस पर मथुरा हाईकोर्ट ने सर्वे कराने की मंजूरी दे दी है। अब सर्वे की प्रक्रिया को लेकर आगामी 19 दिसंबर को सुनवाई होगी, लेकिन आज मुस्लिम पक्ष ने इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रूख किया, तो उन्हें निराशा हाथ लगी। शीर्ष अदालत ने मथुरा हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अब ऐसे में आगामी दिनों में मुस्लिम पक्ष का क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।