
नई दिल्ली। अगर कांग्रेस में अभी कोई सबसे ज्यादा कन्फ्यूज है, तो वो हैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे। खड़गे अभी धर्मसंकट में फंसे हुए हैं। कर्नाटक की मौजूदा सियासी उथल-पुथल को ध्यान में रखते हुए शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें सीएम पद के लिए उपयुक्त चेहरा चुनने की जिम्मेदारी दी है। रेस में दो ही नाम शामिल हैं। पहला सिद्धारमैया और दूसरा डीके। अब दोनों में से कौन सीएम की कुर्सी पर विराजमान होता है। देखना रोचक रहेगा। लेकिन इस बीच सिद्धारमैया ने खड़गे के सामने ऐसी शर्त रख दी है, जिसके बाद अब उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए।
दरअसल, सिद्धारमैया ने आज खड़गे से मुलाकात के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि अगर पार्टी ढाई-ढाई साल के सीएम बनाने के फार्मूले पर विचार कर रही है, तो पहले मौका मुझे दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह मेरा आखिरी चुनाव है और अब इसके बाद मैं चुनाव नहीं लड़ूगा, लेकिन आखिरी चुनाव वाले दांव पर भरोसा करना उचित नहीं रहेगा, क्योंकि इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार भी आखिरी चुनाव का दांव चल चुके हैं लेकिन इसके बाद क्या हुआ। हम सभी जानते हैं। उधर, डीके ने स्पष्ट कर दिया है कि वो सीएम पद के लिए उपयुक्त दावेदार हैं। लिहाजा मुख्यमंत्री उन्हें ही बनाया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी सिद्धारमैया पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस सिद्धारमैया की वजह से ही हारी थे, तो इस तरह से अब दोनों के बीच वार-प्रतिवार का सिलसिला शुरू हो चुका है। बता दें कि कर्नाटक में जारी सियासी उथल-पुथल पर विराम लगाने की जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे को दी गई है, लेकिन अब इस धर्म संकट से वो बाहर कैसे आते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।