
नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एम. सिद्धारमैया ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ी तल्खी पर बयान दिया था। उनका बयान को पाकिस्तान मीडिया ने खूब प्रसारित किया जिसके बाद सिद्धारमैया बीजेपी के निशाने पर आ गए। आखिरकार मामले को तूल पकड़ता देख अब सिद्धारमैया को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी है। सिद्धारमैया ने कहा था कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध नहीं छेड़ने चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति होनी चाहिए ताकि लोग खुद को सुरक्षित महसूस करें। सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को लोगों की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
Big Cheers for Wazar-e-Ala @siddaramaiah from far across the Borders! Pakistani media is all too praise for @siddaramaiah & visibly disappointed at the backslash he is receiving from BJP & others, for his comments against war with Pakistan!
Nehru was taken around in an open Jeep… pic.twitter.com/lYBxCdiCqU
— Vijayendra Yediyurappa (@BYVijayendra) April 27, 2025
उधर पाकिस्तानी मीडिया ने सिद्धारमैया के बयान को दिखाते हुए कहा कि मोदी सरकार के पाकिस्तान से युद्ध के खिलाफ भारत में असंतोष व्याप्त है। वहीं कर्नाटक बीजेपी के प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा, सीमा पार से सिद्धारमैया के लिए जय-जयकार। पाकिस्तानी मीडिया कर्नाटक सीएम की प्रशंसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को रावलपिंडी की सड़कों पर खुली जीप में घुमाया गया था, क्योंकि सिंधु जल संधि जो पाकिस्तान के पक्ष में थी, उस पर साइन करने के लिए पाकिस्तान नेहरू से बहुत खुश था। अब क्या सिद्धारमैया भारत के अगले राजनेता होंगे जिन्हें पाकिस्तान में खुली जीप में घुमाया जाएगा।
I have observed the debates and discussions, both for and against, surrounding the statement I made about war.
War should always be a nation’s last resort — never the first, nor the only option. Only when every other means to defeat the enemy has failed, should a country be…
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) April 27, 2025
उधर सिद्धारमैया ने अपनी सफाई में कहा, युद्ध हमेशा किसी देश का अंतिम विकल्प होना चाहिए। पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए भयानक आतंकी हमले ने हमारे देश के लोगों और केंद्र सरकार दोनों को यह स्पष्ट रूप से स्पष्ट कर दिया है कि हमारे खुफिया और सुरक्षा तंत्र में गंभीर खामियां थीं। अब सरकार की यह गंभीर जिम्मेदारी है कि वह सबसे पहले इन कमियों को दूर करे और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों। केंद्र सरकार ने पहले ही कुछ कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि पर फिर से विचार करना शामिल है, एक ऐसा कदम जिसका हम तहे दिल से स्वागत करते हैं। हमें विश्वास है कि और भी कठोर कदम उठाए जाने वाले हैं। हर कदम को दुनिया को प्रसारित करने की जरूरत नहीं है। निश्चिंत रहें, देश उठाए गए हर मजबूत और निर्णायक कदम के पीछे पूरी तरह से एकजुट है। वहीं, कुछ शरारती तत्व देश में फूट डालने और शांति और एकता को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार को ऐसी ताकतों के खिलाफ भी सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। आज भारत एक बेहद संवेदनशील चौराहे पर खड़ा है। अगर हमें बाहरी दुश्मनों का सामना करना है, तो हमें पहले आंतरिक एकता को मजबूत करना होगा।