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VIDEO: राजस्थान का ये है आलम…मंदिर गया दलित युवक, तो दबंगों ने लात-घूंसो से पीटा, नहीं है प्रशासन का भय!

इस दलित शख्स का कसूर महज इतना था कि यह भगवान के दर्शन करने मंदिर गया था, लेकिन उसके मंदिर जाना कुछ लोगों को रास नहीं आया। उस दलित शख्स ने भगवान के दर्शन क्या कर लिए कुछ लोगों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंच गया, लिहाजा लोगों ने अपनी खुन्नस निकालने के लिए युवक की बेरहमी से पीटाई कर दी

नई दिल्ली। कांग्रेस का पूरा कुनबा लखीमपुर हिंसा के बहाने अपनी सियासत चमकाने में मसरूफ है, लेकिन उसके खुद के घर में क्या हो रहा है, इसकी उसे खबर नहीं है। अब अगर उसे इसकी खबर होगी भी तो कांग्रेस के कर्ताधर्ता क्या कुछ कार्रवाई करेंगे और अगर कुछ कार्रवाई कर भी ली जाती है, तो निकट भविष्य में इसके क्या परिणाम निकलकर आते हैं। यह बड़ा सवाल होगा। खैर, पहले आइए आपको इस पूरे मसले से तफसील से रूबरू कराते हैं। दरअसल, राजस्थान में दलितों के खिलाफ शुरू हुआ लोगों का क्रूर रवैया थमने का नाम नहीं ले रहा है। दलितों के खिलाफ अमानवीय व्यवहार करने वाले इन लोगों को प्रशासन का रत्ती भर भी खौफ नहीं रह गया है। हनुमानगढ़ के बाद अब जालोर में एक दलित युवक को बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है।

इस दलित शख्स का कसूर महज इतना था कि यह भगवान के दर्शन करने मंदिर गया था, लेकिन उसके मंदिर जाना कुछ लोगों को रास नहीं आया। उस दलित शख्स ने भगवान के दर्शन क्या कर लिए कुछ लोगों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंच गया, लिहाजा लोगों ने अपनी खुन्नस निकालने के लिए युवक की बेरहमी से पीटाई कर दी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते नजर आ रहे हैं।

देखिए वीडियो

वो तो गनीमत रही कि जैसे-तैसे युवक वहां से भागने में कामयाब रहा अन्यथा जातिवाद के नशे में धुत्त ये लोग उसे मारने पर ही आमादा हो गए थे। वो तो शुक्र है कि वो वहां से भागने में कामयाब रहा और इसके साथ ही इसका पूरा वीडियो वायरल हो गया, जिससे यह पूरा मामला पुलिस के संज्ञान में पहुंचा। वहीं, अगर इस मसले को लेकर पुलिस कार्रवाई की बात करें, तो इस कुकृत्य में संलिप्त पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये पांचों ही शराब के नशे में धुत्त दलित युवक को महज इसलिए पीटने पर आमादा हो चुके थे, क्योंकि वो भगवान के दर्शन करने मंदिर पहुंच गया था, लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि बेशक पुलिस ने इस मामले को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति निकट भविष्य में नहीं होगी या प्रदेश में अब कभी-भी किसी दलित को मंदिर जाने पर नहीं पीटा जाएगा?

क्या सामाजिक समरसता के नाम पर अपनी सियासत चमकाने वाली गहलोत सरकार इस बात की गारंटी ले सकती है? वहीं, अगर अतीत के आइने से देखे तो इसकी संभावना दिखती नहीं है, क्योंकि अभी कुछ दिनों पहले ही हनुमानगढ़ जिले में भी एक दलित यवक को पीटने का मामला सामने आया था, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वहीं, इस पूरे मामले में गहलोत सरकार ने क्या कुछ कार्रवाई की होगी, यह तो जालोर  मामले से साफ झलक रहा है। अगर सरकार ने हनुमानगढ़ मामले में ही कड़ी कार्रवाई की होती, तो शयाद आज हमें इस मामले से रूबरू नहीं होना पड़ता, लेकिन नहीं पूरा कांग्रेसी कुनबा तो आज कल अपने घर की चिंता छोड़ उत्तर प्रदेश में डेरा डाले हुआ है।