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Weather Report: पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में बारिश व ओलावृष्टि, मौसम का डबल अटैक आपको कंपा देगा!

Weather Report: पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश हो रही है। वहीं, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के कारण ठंड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में और बर्फ गिरेगी। वहीं, ओलावृष्टि की आशंका भी है। इससे किसानों की फसल बर्बाद होने की भी स्थिति बन सकती है। किसानों ने अभी अगैती फसल के तहत खेतों में फसल बो रखी है। हर साल ऐसी फसल को ओले से नुकसान पहुंचता है।

नई दिल्ली। मौसम का डबल अटैक आपको कंपा देगा! फिलहाल के हालात इसी की तस्दीक करते नजर आ रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश हो रही है। वहीं, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के कारण ठंड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में और बर्फ गिरेगी। वहीं, उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अगले 24 घंटे में बारिश ओर ओलावृष्टि के आसार हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के कारण पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत बड़े इलाके में शीतलहर की स्थिति देखने को मिल सकती है। हिमाचल प्रदेश के चंबा समेत 6 जिलों में बर्फबारी और बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी हुआ है।

उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिमी और पूर्वी यूपी, पश्चिमी राजस्थान, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और विदर्भ में भी बारिश का दौर अभी देखने को मिलेगा। कई जगह तेज हवा चलने की संभावना भी है। इससे ठंड में इजाफा होगा। दिल्ली में भी तापमान में काफी गिरावट आने की बात मौसम विभाग ने कही है। वहीं, अगले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की भविष्यवाणी भी की है। ओलावृष्टि होने पर किसानों को नुकसान के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ 29 दिसंबर तक सक्रिय रहेगा। बंगाल की खाड़ी से आ रही हवा के कारण बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में भी ठंड और बारिश का हल्का दौर देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग ने पहले ही कहा था कि इस साल ज्यादा ठंड पड़ेगी। इसकी वजह समुद्र की सतह का तापमान जमीन के मुकाबले कम होना है। इसे ला नीना प्रभाव कहते हैं। इस साल ला नीना प्रभाव के कारण ही मॉनसून के सीजन में औसत से ज्यादा बारिश भी हुई थी। खासकर प्रशांत महासागर में ला नीना का प्रभाव होने पर भारत में मौसम पर असर देखा जाता है। वहीं, एल नीनो प्रभाव में जमीन के मुकाबले समुद्र की सतह का तापमान ज्यादा होता है। इससे बारिश और ठंड दोनों ही कम होते हैं।