
जयपुर। क्या मोदी सरकार के दौर में भी कुछ दिन रिजर्व बैंक का गवर्नर रहते रघुराम राजन कांग्रेस के हिसाब से काम कर रहे थे? क्या कांग्रेस परस्त होने की वजह से ही उन्होंने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की थी और अब भी करते रहते हैं? ये दो अहम सवाल बुधवार को रघुराम राजन की ताजा भूमिका को देखकर उठ रहे हैं। दरअसल, राजस्थान के सवाई माधोपुर में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में रघुराम राजन भी शामिल हुए। वो राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर चले। रघुराम राजन की राहुल गांधी के साथ कदमताल करते हुए फोटो सामने आने के बाद अब सोशल मीडिया यूजर्स उनकी भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
#BharatJodoYatra welcomes former RBI Governor Raghuram Rajan.
Together for a united India. pic.twitter.com/xy68ot1YQd
— Bharat Jodo (@bharatjodo) December 14, 2022
रघुराम राजन को यूपीए सरकार के दौर में रिजर्व बैंक RBI का गवर्नर बनाया गया था। साल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद भी कुछ वक्त तक वो रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे थे। फिर नोटबंदी से पहले रघुराम राजन की छुट्टी हो गई थी। जिसके बाद उर्जित पटेल ने रिजर्व बैंक के गवर्नर का कामकाज संभाला था। रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक के बाद अमेरिका में फिर इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर के तौर पर काम शुरू किया था। उन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की आलोचना की थी। साथ ही केंद्र की वित्तीय नीति को भी आलोचना के दायरे में रखा था।
अब राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर रघुराम राजन ने सोशल मीडिया यूजर्स को खुद की आलोचना का मौका दे दिया है। आर्ची नाम के यूजर ने लिखा है कि अब मीडिया संगठनों को रघुराम राजन को निष्पक्ष विशेषज्ञ बताना बंद कर देना चाहिए। अमन नाम के यूजर ने लिखा है कि आखिरकार रघु अपने मालिक के साथ कदम मिला रहे हैं। वहीं, विंगमैन ने लिखा है- राहुल का यार है देश का गद्दार। जबकि, विश्वदीप सरकार ने लिखा है कि रघुराम राजन का हिस्सा लेना ही भारत जोड़ो यात्रा की हकीकत खोल रहा है। आप यूजर्स के ये सारे कमेंट ऊपर दिए गए ट्वीट के रिप्लाई सेक्शन में देख सकते हैं।