
नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं के बीच एलएसी पर कई साल बाद दिवाली के मौके पर एक दूसरे को मिठाई दी गई। एलएसी काराकोरम दर्रा, डीबीओ, कोंगक्ला और चुशुल-मोल्डो गैरीसन के विभिन्न स्थानों पर भारतीय और चीनी पीएलए सेना के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया। लद्दाख में एलएसी पर गश्त को लेकर हुए समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं देपसांग और डेमचोक से पीछे हट गई हैं। इसके बाद से सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते खराब हो गए थे। उसके बाद से ही दिवाली पर मिठाईयों के आदान प्रदान का सिलसिला भी बंद हो गया था। जबकि उससे पहले तक दोनों देशों की सेनाओं के बीच दिवाली पर एक दूसरे को मिठाइयां दी जाती थीं।
Soldiers of the Indian and Chinese Army exchange sweets at the Chushul-Moldo border meeting point on the occasion of #Diwali.
(Source: Indian Army) pic.twitter.com/MwhGgIYQ98
— ANI (@ANI) October 31, 2024
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस जाने से पहले भारत और चीन के बीच सीमा पर गश्त संबंधी समझौता किया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि इस समझौते के कारण अब भारत और चीन के बीच संबंधों में आई खटास को कम किया जा सकेगा जिसकी बानगी आज मिठाई आदान प्रदान के जरिए देखने को भी मिली। उधर रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई थी।
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भी पीएम नरेंद्र मोदी ने सीमा पर गश्त संबंधी समझौते का जिक्र करते हुए इस पहल का स्वागत किया था। पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच 5 साल बाद इस तरह की औपचारिक बैठक हुई थी। मोदी ने कहा था कि सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बना रहना चाहिए।