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WB Panchayat Election: कहीं आगजनी, तो कहीं तोड़फोड़,तो कहीं लाशों की बौछार…चुनावी बेला में सुलगती बंगाल की धरती

WB Panchayat Election: मिली जानकारी के मुताबिक, पंचायत चुनाव के मौके पर बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं। पंचायत चुनाव में हुई हिंसा की जद में आकर अब तक 12 लोगों की मौत की खबर की पुष्टि प्रशासन द्वारा की जा चुकी है।

नई दिल्ली। इतिहास गवाह है कि पश्चिम बंगाल में जब कभी-भी चुनावी बिगुल बजा है, तो दंगाइयों के हौसले बुलंद हुए हैं। इन दंगाइयों ने चुनाव की आड़ में मासूमों को जिस तरह से मौत के घाट उतारा है, उससे वाकिफ होने के बाद हर किसी की रूह कांप जाती है, लेकिन अफसोस बात-बात पर लोकतंत्र का राग अलापने वाली ममता की हुकूमत आज तक दंगाइयों पर लगाम नहीं लगा पाई। आज भी हम उनसे यही सवाल करेंगे कि ममता दीदी कब तक बंगाल की धरती चुनावी बेला में रक्तरंजित होती रहेगी? जरा कुछ खुलकर बताएंगी?

आपको बता दें कि बंगाल में आज पंचायत चुनाव हो रहे हैं। लोकतंत्र के इस महापर्व को लेकर बंगाल की जनता में जोश-ओ-खरोश देखने को मिल रहा है। इस खास मौके पर वहां की जनता का जोश अपने शबाब पर है, लेकिन अफसोस उनके जोश को दंगाइयों ने पंचायत चुनाव के मौके पर ठंडा कर दिया। मतदान की प्रक्रिया सुबह सात बजे शुरू हुई, जो कि शाम सात बजे संपन्न होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ग्राम पंचायत में कुल सीटों की संख्या 63,229 है।

इसके अलावा पंचायत समिति के लिए सीटों की संख्या 9, 730 है। वहीं, जिला परिषद की सीटों की संख्या 928 है। पंचायत चुनाव के लिए कुल मतदाताओं की कुल संख्या 56721234 है। हालांकि, सुरक्षा के दृष्टिकोण से पंचायत चुनाव के मौके पर 822 कंपनियों को तैनात किया गया है। कोलकाता पुलिस की 800 कंपनियों को सुरक्षा तैनात किया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी हिंसात्मक तत्व अपने नापाक इरादों को जमीन पर उतार पाने में सफल हो जा रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक, पंचायत चुनाव के मौके पर बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं। पंचायत चुनाव में हुई हिंसा की जद में आकर अब तक 12 लोगों की मौत की खबर की पुष्टि प्रशासन द्वारा की जा चुकी है। वहीं, घायलों के बारे में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा, क्योंकि हिंसा का सिलसिला जारी है और बहुत मुमकिन है कि घायलों की संख्या के ग्राफ में तेजी देखने को मिले। कई जगहों पर बमबाजी की भी खबरें आ रही हैं। जिससे सार्वजनिक संपत्तियों को व्यापक स्तर पर नुकसान पहुंचा है। हिंसा को रोकने में जुटे कई सुरक्षाकर्मियों को भी चोट लगी है।

सूबे में हो रही हिंसा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगातार बड़े कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इस हिंसा के बीच सवाल यह है कि आखिर सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बीच भी आखिर हिंसात्मक तत्व अपने नापाक इरादों को जमीन पर उतार पाने में कैसे सफल हो जा रहे हैं?

यह अपने आप में बड़ा सवाल है। बहरहाल, बहुत मुमकिन है कि आगामी दिनों में इस हिंसा की सीबीआई जांच हो, तब ही साफ हो पाएगा कि आखिर इस साजिश के पीछे किसका हाथ है?