नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सूबे के तमाम सियासी दलों के नुमाइंदों की सियासी सक्रियता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। आलम यह है कि कल तक वीरान रहने वाली सूबे की गलियां सियासी सूरमाओं की आमद से गुलजार हो चुकी हैं। कल तक किसी निर्जीव वस्तु की भांति निष्क्रिय रहने वाले सियासी सूरमाओं की सक्रियता भी अपने शबाब पर है। मकसद, सिर्फ इतना है कि कैसे भी करके सूबे में अपना विजयी पताका फहराया जाए। इसके लिए ये सभी सियासी सूरमा भरसक कोशिश कर रहे हैं। अपनी इसी कोशिश को शबाब पर पहुंचाने हेतु जब आज यानी की शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव किसी चुनावी मसले के कारण मुजफ्फरनगर के लिए राजधानी दिल्ली से रवाना होने ही वाले थे, तो किसी अधिकृत कारण का हवाला देते हुए उनके हेलीकॉप्टर को राजधानी दिल्ली में ही रोक दिया गया, जिसका नतीजा यह हुआ कि वे मुजफ्फरनगर के लिए रवाना नहीं हो पाए।
फिर क्या था…अपने हेलीकॉप्टर रोके जाने से खफा हुए सपा प्रमुख का पारा सांतवे आसमान पर पहुंच गया, लिहाजा उन्होंने हर मसले की तरह इस तरह इस मसले पर भी बीजेपी को कसूरवार ठहराया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि, मेरे हैलिकॉप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुज़फ़्फ़रनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहाँ से उड़े हैं। हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साज़िश है।
मेरे हैलिकॉप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुज़फ़्फ़रनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहाँ से उड़े हैं। हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साज़िश है।
जनता सब समझ रही है… pic.twitter.com/PFxawi0kFD
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 28, 2022
वहीं, अखिलेश यादव का यह ट्वीट अभी सोशल मीडिया की दुनिया में काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, अभी तक अखिलेश यादव का हेलीकॉप्टर किन कारणों का हवाला देकर रोका गया है। इसकी जानकारी परिलक्षित नहीं हो पाई है, लेकिन इस पूरे मसले ने सूबे की सपाइयों का पारा गरमा कर रख दिया है। आपको तो पता ही होगा कि सूबे में खोई हुई जमीन को पाने की जुगत में जुटे अखिलेश यादव दिन रात किसी न किसी मसले को लेकर बीजेपी पर हमलावर बने ही रहते हैं, तो ऐसे में आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि चुनावी मौसम के दौरान वे अपना हेलीकॉप्टऱ रोके किस कदर खफा हो गए होंगे। खैर, अब देखना होगा कि आगे चलकर यह पूरा मसला क्या रुख अख्तियार करता है।